उत्तराखण्ड का लोकनिर्माण विभाग भ्रष्टाचार की नित नयी इबारत लिख रहा है,राजधानी देहरादून के राजीव नगर इलाके में विभाग करीब 1 करोड़ की लागत से एक रैन बसेरे का निर्माण् कर रहा है ,जो कि खासतौर पर गरीबों को बारिश ,ठण्ड और प्रतिकूल मौसम में रात्रि विश्राम की व्यवस्था उपलब्ध करवाएगा,लेकिन हक़ीक़त में 1 करोड़ की लागत से ये रैन बसेरा गरीबों के लिए मौत का सामान बनकर तैयार हो रहा है ,इस दुमंजिला भवन के 30 में से लगभग सारे कॉलम बुनियाद से ही अपनी सेन्टर लाइन से भटके हुए हैं,ऐसे मे यह तय है कि भवन किसी भी तरह से मजबूत नही बन सकता और कभी भी भर भराकर गिर सकता है,लोक निर्माण् विभाग के अधीक्षण अभियंता के .सी. उप्रेती और कॉन्ट्रेक्टर के बीच उक्त कार्य को सम्पन करने हेतु गठित बॉण्ड के तहत,यह कार्य फरवरी माह में सम्पन्न हो जाना चाहिए था ,लेकिन लोनिवि तथा कॉन्ट्रेक्टर की लापरवाही के चलते न तो यह भवन समय से पूरा हो पाया और न ही इसका गुणवत्तापूर्ण निर्माण् ही हो पाया,जब इस गम्भीर अनियमितता के बारे में सम्बन्धित अधीक्षण अभियन्ता ,अधिशाषी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता या कनिष्ठ अभियन्ता से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गयी तो सारे बगलें झांकते हुए कैमरे से बचने की कोशिश कर रहे हैं,अलबत्ता विभाग के मुख्य अभियंता राजेन्द्र गोयल स्वीकार कर रहे हैं, कि निर्माण् में गम्भीर खामियाँ है और इसको दुरुस्त करने के लिए तकनीकी परामर्श लिया जा रहा है ,उन्होंने स्वीकार किया कि यह एक बड़ी लापरवाही है और इसके लिए दोष की जिम्मेदारी तय करते हुए अनुशासात्मक कार्यवाही की जाएगी,अब मामले की लीपापोती करने को कुछ भी किया जाय ,लेकिन मुख्यमंन्त्री टी.एस.आर. के अधीनस्थ लोक निर्माण् विभाग की कार्यशैली में अगर सुधार नहीं आता ,तो भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेन्स वाली प्रदेश् सरकार की कथनी और करनी अपनी नीयत खुद ही साफ़ कर रही है ।