लाखामण्डल.. वो लाक्षागृह जो पाण्ड़वों को जलाकर समाप्त करने को कौरवों ने बनाया था..वंहा पर आज कत्यूरी शैली में बना यह भव्य मन्दिर स्थित है,इसी स्थान पर पाण्डवों ने सहस्त्र कोटि देवी देवताओं की स्थापना की है,यंही मौजूद है वो शिवलिंग जो जलाभिषेक के उपरान्त, आपको अपनी छवि दर्पण के रूप में दिखलाता है,अनेकानेक चमत्कारों से भरपूर जौनसार बाबर क्षेत्र में स्थित यह देवस्थान, निश्चित तौर पर हिन्दुओं के प्रसिद्ध तीर्थ बद्री-केदार या गंगोत्री-यमुनोत्री से महिमा और ऐतिहासिक रूप से महत्त्व में कम नहीं..क्यों न इसे धाम का दर्जा दिया जाय… “लाखामण्डल धाम”