जखेटी कॉलेज की प्रबन्ध समिति के निर्विरोध निर्वाचन के अनुमोदन को रोकने को ए डी महावीर बिष्ट रोज़ रच रहे नया प्रपंच..

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जखेटी कॉलेज की प्रबन्ध समिति के निर्विरोध निर्वाचन के अनुमोदन को रोकने को ए डी महावीर बिष्ट रोज़ रच रहे नया प्रपंच..

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट,जखेटी इन्टर कॉलेज में सम्पन्न प्रबन्ध समिति के निर्विरोध निर्वाचन का किसी भी हाल में अनुमोदन नहीं होने देना चाहते,इस सम्बन्ध में “जागो उत्तराखण्ड” को कई प्रमाण प्राप्त हो चुके हैं और अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट की नीयत पर बड़े सवाल उठाने के लिये काफ़ी हैं!जखेटी इन्टर कॉलेज के निर्विरोध निर्वाचन के ख़िलाफ़ अभी तक विभिन्न स्तरों से प्राप्त “प्रायोजित” शिकायतों की मुख्य शिक्षा अधिकारी आनन्द भारद्वाज द्वारा जाँच करने पर सभी निराधार पायी गयी हैं,यँहा तक कि दो-तीन शिकायतें तो फर्जी नाम-पते से भेजी गयीं,जिसका पता जखेटी इन्टर कॉलेज के निर्विरोध निर्वाचित प्रबंधक विमल नेगी ने इन नाम-पतों पर पत्र प्रेषित कर लगाया,बहुत कोशिशों के बाद भी डाकिया इन लोगों को न ढूंढ पाया! फर्जी शिकायत करने वाले इन लोगों ने एक फर्जी नाम-पते का पत्र तो शिक्षा मन्त्री द्वारा भी जाँच के लिये अग्रसारित करवा दिया !जखेटी इन्टर कॉलेज की निर्विरोध निर्वाचित प्रबन्धक विमल नेगी ने आरोप लगाया है कि अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मण्डल उनके ख़िलाफ़ दुर्भावना से ग्रसित हैं,क्योंकि उनके द्वारा महावीर बिष्ट और पौड़ी के पूर्व मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत के ख़िलाफ़ मानहानि का एक वाद माननीय उच्च न्यायालय में योजित है।उधर अब एक बार फिर जखेटी इंटर कॉलेज के निर्विरोध प्रबन्ध समिति के अनुमोदन को रोकने के लिये महावीर बिष्ट द्वारा जखेटी इंटर कॉलेज में तीन प्रबन्ध समिति के सदस्यों की लिस्ट होने की बात बताकर इसकी जाँच की गवाही देने के लिये देहरादून में तैनात “जागो उत्तराखण्ड” द्वारा अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति और अनुमोदन के लिये पैसे लेते हुये स्टिंग में पकड़े गये व स्टिंग वीडियो की सत्यता की फॉरेंसिक जाँच में साबित तथा एलईडी घोटाले में जिलाधिकारी की जाँच में दोषी करार,पौड़ी के पूर्व मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत को बुलाया जा रहा है,जिससे एक नया षड्यंत्र रच जखेटी इन्टर कॉलेज में निर्विरोध निर्वाचन के अनुमोदन को रोका जा सके!लेकिन महावीर सिंह बिष्ट शायद भूल रहे हैं कि अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति और अनुमोदन के लिये पैसे लेने की,उच्चाधिकारी के रूप में कार्यवाही करने के बजाय मौन स्वीकृति की पुष्टि करता एक ऑडियो भी ‘”जागो उत्तराखण्ड” के पास बतौर प्रमाण मौजूद है,जो महावीर बिष्ट के नाजायज मंसूबो पर पानी फेर देगा,आप भी इस ऑडियो को सुनिये और अंदाजा लगा लीजिये कि आख़िरकार जखेटी प्रबन्ध समिति के निर्विरोध निर्वाचन के अनुमोदन को रुकवाने के पीछे अपर निदेशक महावीर बिष्ट का असली चाल,चरित्र और चेहरा क्या है??

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