पौड़ी के भूम्याल देवता कंडोलिया का वार्षिक पूजन..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
गढ़वाल मण्डल के मुख्यालय पौड़ी नगर के शीर्ष में स्थित बाबा कंडोलिया के मंदिर में शुक्रवार से तीन दिवसीय वाíषक पूजन एवं भंडारे का कार्यक्रम अपार उल्लास और भक्तिमय माहौल में प्रारम्भ हो गया है।मान्यता है कि करीब 1200 साल पहले स्थानीय पौड़ी गाँव के बाशिन्दों के पूर्वजों के साथ कुमाऊँ के चम्पावत से कंडोलिया देवता कंडी में सवार होकर यँहा पहुँचे थे और आपत्ति काल में धै/आवाज लगाकर स्थानीय निवासियों को सचेत करते रहे हैं!दो साल से कोविड महामारी के अंतराल के बाद इस वर्ष ये आयोजन पूरे जोशो-खरोश के साथ मनाया जा रहा है,शक्रवार को कंडोलिया देवता की डोली पारम्परिक रूप से देवप्रयाग से भक्तों की टोली के साथ संगम में स्नान कर कंडोलिया मंदिर परिसर में पहुँची, जिसके बाद पौड़ी के भूम्याल देवता कंडोलिया का वार्षिक पूजन विधिवत प्रारम्भ हुआ,इसके उपरान्त पौड़ी नगर के आसपास के नौ गाँवों से देवता के निसांण, ध्वज लहराते हुये,महिलाओं की कलश यात्रा और भक्तों की टोली के भक्ति भावना से ओत-प्रोत देव नृत्य के साथ मन्दिर परिसर में पहुंचना शुरू हो गये,साथ ही इस अवसर पर बाबा के भक्तों ने बाबा कंडोलिया के स्वयं सेवकों की पिछले माह भर की अथक मेहनत के उपरांत तैयार किये गये पंडालों में बन रहे बाबा के प्रसाद को भी ग्रहण किया,कार्यक्रम के दूसरे दिन आज शनिवार को भी इसी तरह के भक्तिमय आयोजन जारी रहेंगे।आज मंदिर में भजन कीर्तन, महाआरती व रात्रिजागरण व मंडाण कार्यक्रम भी आयोजित होंगे,वार्षिक पूजन का समापन कल रविवार 12 जून को हवन यज्ञ,पूजा-अर्चना व विशाल भंडारे के साथ होगा।कंडोलिया मंदिर में हर वर्ष श्रद्धालुओं की ओर से धाíमक आयोजन किया जाता है। जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा उत्तराखण्ड के दूसरे जनपदों और देश-विदेश से बाबा के भक्त काफी संख्या में पहुंचते हैं और अपने परिवार समेत प्रदेश,राष्ट्र और सम्पूर्ण विश्व के कल्याण हेतु कंडोलिया देवता की भक्ति में लीन होकर प्रार्थना करते हैं।