देहरादून के आर टी ओ ऑफिस में भ्रष्टाचार का बोलबाला :भारत सरकार के नियमों को दरकिनार कर अधिकारी कर रहे ग़ैरकानूनी काम !..
गौरव तिवारी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
जब भी कभी आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो या परिवहन विभाग से सम्बंधित कोई काम हो तो आपको आर. टी.ओ. ऑफिस के चक्कर लगाने पड़े होंगे,ऑफिस के बाहर आपको बहुत से ऐसे लोग मिले होंगे जो कमीशन लेकर आर टी ओ ऑफिस में होने वाले काम आसानी से करवाते हैं,मतलब जो काम आप काफ़ी दौड़भाग और माथापच्ची कर भी नहीं करवा पाते हैं,वही काम ये लोग बड़ी आसानी से कुछ पैसे लेकर करवा लेते हैं,जिसका मतलब साफ़ है कि आर टी ओ ऑफिस के अन्दर भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं और दलाल कहे जाने वाले ये लोग इस भ्रष्ट मकड़जाल के छोटे से हिस्से मात्र हैं और शायद आर टी ओ ऑफिस में आपको नियमों की आड़ में परेशान ही इसलिये किया जाता है कि आप भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंसे!आज हम आपको एक ऐसे ही एक मामले के बारे में बताने जा रहे हैं,जहाँ देहरादून आर.टी.ओ. कार्यालय ने खुद को भारत सरकार के नियमों से ऊपर समझ लिया है या कहें कि भारत सरकार जो काम अभी तक नहीं कर पायी उसे देहरादून आर.टी.ओ.ने कर दिखाया है,अब उसने ऐसा क्यों किया होगा ये समझने में दिमाग पर ज़्यादा जोर डालने की ज़रूरत नहीं है!देश मे पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए हर व्यक्ति सस्ते ईंधन से वाहन चलाने की कोशिश करता है,इसका एक सबसे अच्छा विकल्प सी.एन.जी.है,सी.एन. जी.कार काफी किफायती होती है,कार में दो तरह से सीएनजी किट की फिटिंग होती है,एक कम्पनी फिटेड व दूसरी ऑथराइज रिट्रोफिटिंग सेंटर के द्वारा,BS-6 वाहनों पर रेट्रोफिटिंग की परमिशन ना ही ICAT ने दी है और ना ही भारत सरकार ने,ऐसे में देहरादून आरटीओ ने एक दो नहीं पूरे पाँच वाहन जो कि BS- 6 थे और जिनमें रेट्रोफिटिंग के माध्यम से सीएनजी फिट करवाये गये थे को अप्रूव कर दिया! इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार में हुआ है,यह सब कैसे मुमकिन हुआ,यह बात समझ से परे है !बहरहाल संबंधित अधिकारी को इसकी जानकारी ही नहीं है या ऐसा करने में कोई भ्रष्टाचार हुआ है,इसकी जाँच तो होनी ही चाहिये एवं जिस रेट्रोफिटमेंट सेंटर ने यह काम किया है व जिन कर्मचारियों ने इस काम को अंजाम दिया है,उन पर भी कार्यवाही होनी चाहिये, अन्यथा आर टी ओ ऑफिस तो भारत सरकार से भी ऊपर साबित हो जायेगा !