मन्त्री गणेश जोशी के आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई कर रहे जज के ट्रान्सफर होने से सरकार की मंशा पर बड़े सवाल…
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
उत्तराखण्ड के कृषि और सैनिक कल्याण मन्त्री गणेश जोशी के आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर बड़ा भ्रष्टाचार करने के मामले में सुनवाई कर रहे देहरादून विजिलेंस कोर्ट के जज मनीष मिश्रा का अचानक ट्रांसफर हो गया है।जज साहब ने कुछ हफ्ते पहले ही विजिलेंस से पूछा था,कि क्या गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है?विजिलेंस ने इसके बाद राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार की राय मांगी थी।राज्य सरकार को अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक अपनी राय विजिलेंस को सौंपने थी और विजिलेंस ने उसके बाद कोर्ट को इस संबंध में अवगत कराना था।लेकिन कोर्ट के पास विजिलेंस यह राय रखती उससे पहले ही जज साहब का ट्रांसफर हो गया है !जिससे चर्चा का बाज़ार गर्म है कि सरकार द्वारा गणेश जोशी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बचाने के लिये आनन-फानन में जज साहब का तबादला कर दिया गया है और अब “फेवरेबल” जज की नियुक्ति उनके स्थान पर की जा रही है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आमदनी से अधिक संपत्ति होने का आरोप आरटीआई एक्टिविस्ट और वकील विकेश नेगी द्वारा लगाए गए थे।विकेश नेगी ने सीधा विजिलेंस कोर्ट में एप्लीकेशन देखकर माँग की थी कि कैबिनेट मंत्री जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाय।इसके लिए उन्होंने तमाम सबूत देने का दावा भी किया था।मन्त्री पर भ्रष्टाचार का मुक़दमा चलाने हेतु राज्य सरकार को अपनी सहमति देनी है,लेकिन उससे पहले ही इस चर्चित मामले की सुनवायी कर रहे जज साहब का ट्रांसफर सरकार की मंशा पर कई बड़े सवाल खड़ा करता है।