कैबिनेट मंत्री के फर्जी डिजीटल हस्ताक्षर का मामला, इन पर हुआ मुकदमा दर्ज

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लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री के फर्जी डिजीटल हस्ताक्षर कर एक अधिकारी को विभागाध्यक्ष बनाने की खबर है। मामले में दो अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। ये मुकदमा निजी सचिव आईपी सिंह और पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद के खिलाफ दर्ज किया गया है। दोनों पर गंभीर आरोप है।

रिपोर्टस की माने तो मंत्री के लोक संपर्क अधिकारी कृष्ण मोहन द्वारा डालनवाला कोतवाली में तहरीर दी गई है। तहरीर में पीआरओ ने बताया है कि मई महीने में अयाज अहमद को विभागाध्यक्ष बनाने की फाइल मंत्रालय में आई। मंत्री सतपाल महाराज की ओर से आवेदन स्वीकृति होने की स्थिति में फाइल को अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजी जानी थी। लेकिन इस पर फर्जी डिजिटल सिग्नेचर किए गए है।

पीआरओ की ओर से दी गई तहरीर में लिखा है कि फाइल आने के दौरान मंत्री विदेश दौरे पर चले गए, जिस कारण अयाज अहमद का आवेदन लंबित रखा गया। आरोप है कि कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव आइपी सिंह 15 मई 2022 को बिना अनुमति मंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे और आदेश पर फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर दिए।

बताया जा रहा है कि आरोपित ने फाइल मुख्यमंत्री के बजाय पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दी। पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद का विभागाध्यक्ष के पद के लिए आइपी सिंह ने ही अनुमोदन कर दिया। लंबी जांच के बाद डालनवाला कोतवाली में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विभागाध्यक्ष अयाज अहम के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है। जिसके बाद अब उनके  खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग के चीफ के तौर पर एजाज अहमद को जिम्मेदारी दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया था। लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि एजाज अहमद के नाम पर उनके द्वारा कोई अनुमोदन नहीं किया गया है। यही नहीं मंत्री ने एजाज अहमद को लोक निर्माण विभाग का चीफ बनाए जाने के लिए उनके डिजिटल सिग्नेचर फर्जी होने की भी बात कही थी। मामले में अब जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।

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