यमुनोत्री मार्ग पर बादल फटा: दो मजदूरों की मौत,सात लापता, चारधाम यात्रा रोकी गई…
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
रविवार 29 जून 2025 को उत्तराखंड में मॉनसून ने एक बार फिर कहर बरपाया है। यमुनोत्री मार्ग पर रविवार तड़के करीब 2 बजे अचानक बादल फटने की घटना में दो मजदूरों की मौत हो गई,जबकि सात अन्य लापता बताए जा रहे हैं। घटना स्थल पर निर्माणाधीन एक होटल में 20 से अधिक मजदूर ठहरे हुए थे, जिनमें से कुछ समय रहते बचाए गए,लेकिन कई तेज बहाव में बह गए।घटना उत्तरकाशी ज़िले के बड़कोट तहसील अंतर्गत सिलाई बेंड क्षेत्र की है,जो यमुनोत्री हाईवे का एक संवेदनशील हिस्सा माना जाता है। भारी बारिश और अचानक आए मलबे से पूरा इलाका जलमग्न हो गया। होटल के निर्माण स्थल पर लगी टिन की शेड बह गई और मजदूरों के तंबू तेज बहाव की चपेट में आ गए।सूचना मिलते ही NDRF, SDRF और स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। तेज बारिश और अंधेरे के कारण रातभर रेस्क्यू में कठिनाई रही। सुबह होते ही बचाव कार्य तेज किया गया। घटनास्थल से दो शव बरामद किए गए हैं, जबकि सात लोगों की तलाश अब भी जारी है।जिला धिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि लापता लोगों की खोज के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चल रहा है और सभी जरूरी संसाधन मौके पर तैनात कर दिए गए हैं।इस हादसे के चलते यमुनोत्री धाम की यात्रा को एहतियातन 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया है। यात्रा मार्ग के कई हिस्सों पर मलबा जमा हो गया है और सड़कें बहाव में बह गई हैं। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम सामान्य होने तक यात्रा न करें।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, “रात के अंधेरे में अचानक तेज़ गर्जना और पानी की आवाज़ सुनाई दी। कुछ ही पलों में पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया। मजदूरों के चिल्लाने की आवाजें आईं लेकिन अंधेरे और पानी के बहाव के कारण किसी की मदद करना मुश्किल हो गया।”जिला प्रशासन ने पर्वतीय क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों और यात्रियों से अपील की है कि वे किसी भी आपात कालीन स्थिति में 112 या नजदीकी पुलिस स्टेशन से तुरंत संपर्क करें। साथ ही, पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें।बादल फटने की घटनाएं उत्तराखंड के संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्रों में हर साल जान-माल का भारी नुकसान पहुंचाती हैं। बीते एक सप्ताह में राज्य में भारी बारिश के चलते कई जिलों में भूस्खलन और जलभराव की स्थिति बनी हुई है।