10 साल से नियमविरुद्ध बद्री-केदार समिति के मुख्य कार्याधिकारी के पद पर जमे बी.डी. सिंह जमकर बजा रहे भ्रष्टाचार का घण्टा…!!
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
ईश्वर को मानने वाले किसी भी धर्म के मानव के हदय में हिमालय के प्रति अगाद्य श्रद्वा का भाव रहा है और विश्व के हर देश का मानव हिमालय को अपने अतीत वर्तमान व भविष्य से जोड़ता है। आजकल श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ की यात्रा चरम पर है पर इन दिव्य धामों को संचालित करने वाली श्री बदरीनाथ श्री केदारनाथ मंदिर समिति पूरी तरह से सवालों के घेरे में है!हालात ये हैं कि आपदा के बाद भी यँहा के अधिकारी और कर्मचारी नहीं चेते हैं!हालत यह है कि जिस धर्म के दिव्य स्थल में भक्त जन अपनी मनोकामना पूर्ण करने को जाते हैं, वहां जमकर भष्ट्राचार के घंटे बज रहे हैं,जो देश-प्रदेश के लिए शुभ नहीं है।एक ओर जँहा आपदा के बाद जिस शिवतीर्थ केदारनाथ की दिव्यता को देश-दुनिया तक पहुंचाने में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरे मनोयोग से कार्य कर रहे हैं,वंही दूसरी ओर जमकर भष्ट्राचार करने में भी श्री बदरीनाथ श्री केदारनाथ मंदिर समिति का नाम आ रहा है। लगता है समिति के अधिकारियों को न तो भगवान का डर है और ना ही प्रधानमंत्री मोदी का!शिवतीर्थ केदारनाथ के दर्शन के लिए देश दुनिया के लोग यहां उमड़ते हैं। लेकिन आश्चर्यजनक घटनाक्रम यह है कि आपदा के नौ साल बीतने के बाद भी भगवान केदारनाथ की भोग मंडी को वो स्वरूप नहीं मिल पाया,जिस दिव्यता की वो हकदार है। हालात इतने खराब है कि आपदा से पहले श्री बद्री-केदारनाथ मंदिर समिति की पैंसठ नाली जमीन अपनी थी,लेकिन समिति के सीईओ व ईओ की नाकामी के कारण यानि पैरवी न करने कारण अब मंदिर समिति के पास इस भूमि पर एक भी विश्रामगृह नहीं है। यँहा लाखों करोडों रूपया आपदा के नाम पर खर्च किया गया और इन पैसों को ठिकाना लगाने में मंदिर समिति के अधिकारी भी पीछे नहीं रहे। अलस्का लाईट,स्नो सूज,स्नो कटर तथा यात्रियों को निशुल्क भोजन कराने में मंदिर समिति ने करोडों के वारे न्यारे किये। आपदा के बाद भी ये नहीं चेते और बाबा के नाम पर लाखों करोडों की लूट करते रहे, जो अभी भी अनवरत जारी है। अगर इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जाँच करे तो इन अधिकारियों पर सरकारी आपदा की जबरदस्त मार पड़ सकती है।प्रधानमन्त्री की केदारनाथ पर आस्था अटूट है और वे केदारपुरी में स्थित गुफा में भजन कर भगवान केदारनाथ से देश व विश्व की कल्याण की कामना करते रहते हैं। इस सारे भ्रष्टाचार के केंद्र में श्री बदरीनाथ-श्री केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी/सीईओ बी.डी सिंह इन दिनों फिर चर्चाओं में आ गये हैं,उन पर नियमों की धज्जियां उड़ा कर दो साल के भीतर ही शासन की आँख में धूल झोंककर समिति के एक्ट को दरकिनार करते हुये एई को ईई बनाने का बड़ा आरोप लगा है। ये मूलतःआईएफएस अधिकारी हैं और नियमविरुद्ध दस साल से यँहा मुख्य कार्याधिकारी के पद पर जमे हैं,जबकि कोई भी अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर पाँच साल से ज्यादा तैनात नहीं रह सकता।मौजूदा समय में जाँच इनके आसपास ही धूम रही है। जिसमें वित्तीय अनियमितताओं के बडे़ मामले बताये जा रहे है। मामले की शिकायत सनातन धर्म निष्ठ तीर्थ रक्षा मंच ने की तो संस्कृति सचिव द्वारा आयुक्त गढ़वाल को मामले की जाँच सौंपी गई है।जाँच अभी जारी है और जाँच का दायरा दिनप्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि जून प्रथम सप्ताह में इनकी जाँच के साथ विदाई होती या मामला दबाये जाने पर ये मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक जा पहुंचता है।