उत्तराखंड में एमबीबीएस के छात्रों की हिंदी मीडियम पढ़ाई जल्द ही शुरू हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। बताया जा रहा सरकार ने एमबीबीएस की पढ़ाई में हिंदी भाषा पाठ्यक्रम लागू करने के लिए सरकार ने केंद्रीय प्रकोष्ठ एवं कोर कमेटी गठित की है। जिसके आदेश जारी कर दिए गए है। इसके अलावा हिंदी भाषा पाठ्यक्रम को लेकर कमेटी की सिफारिशों पर अमल करने के लिए एचएनबी चिकित्सा विवि को नोडल एजेंसी नामित किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अगले सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी मीडियम में भी की जाएगी। इसके लिये केंद्रीय प्रकोष्ठ और कोर कमेटी का गठन हो गया है। अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा नमामि बंसल की ओर से इसके आदेश जारी किए गए है। बताया जा रहा है कि इस कमेटी के अध्यक्ष एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति होंगे।
वहीं कमेटी में चिकित्सा शिक्षा निदेशक सह अध्यक्ष होंगे। जबकि सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सदस्य और दून मेडिकल कॉलेज के रेडियोथैरेपी विभागाध्यक्ष प्रो. दौलत सिंह सदस्य सचिव होंगे। जबकि एमबीबीएस में हिंदी भाषा पाठ्यक्रम लागू करने के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर उप समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें कॉलेज के प्राचार्य या डीन समिति के अध्यक्ष होंगे। प्राचार्य की ओर से नामित संकाय सदस्य को सचिव, तीन संकाय के विभागाध्यक्ष सदस्य नामित होंगे।
गौरतलब है किएमबीबीएस को हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू करने का मकसद ये है कि 90 फीसदी मरीज इंग्लिश से परिचित नहीं हैं। स्टूडेंट्स के साथ भी यह समस्या है। जिन लोगों ने अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की है, उन्हें अक्सर मेडिकल स्टडी करने के लिए अंग्रेजी को अपनाने में परेशानी होती है। हालांकि, एमबीबीएस और अन्य मेडिकल प्रोग्राम में हिंदी की शुरूआत के साथ, स्टूडेंट्स न केवल फ्लेसिबल हो पाएंगे, बल्कि मेडिकल एजुकेशन भी अधिक सुलभ हो जाएगी।