काँग्रेस की यमकेश्वर विधानसभा के अन्तर्गत डाडामण्डी में आयोजित परिवर्तन रैली में उड़ा आपसी फूट का ग़ुबार..!

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काँग्रेस की यमकेश्वर विधानसभा के अन्तर्गत डाडामण्डी में आयोजित परिवर्तन रैली में उड़ा आपसी फूट का ग़ुबार..!

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

यमकेश्वर विधानसभा के अन्तर्गत डाडामण्डी में आयोजित परिवर्तन रैली में एक बार फिर से काँग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गयी!आपको बता दें कि आगामी 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री हरीश रावत व प्रदेश काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल प्रदेश में काँग्रेस को मजबूती से सत्ता में वापस लाने के लिए लगातार परिवर्तन रैलियां आयोजित कर रहे हैं,गणेश गोदियाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद जहाँ एक तरफ लग रहा है कि काँग्रेस लगातर एकजुट हो रही है,वंही जिस मँच पर यमकेश्वर विधानसभा के अन्तर्गत डाडामण्डी में काँग्रेस की परिवर्तन रैली की जनसभा आयोजित की गयी,वह द्वारीखाल ब्लॉक के अंर्तगत आता है,लेकिन हैरानी की बात है कि इस ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख महेंद्र सिंह राणा जो कि काँग्रेस पार्टी से ही सम्बन्ध रखते हैं,को ही उनकी पार्टी द्वारा इस कार्यक्रम में बुलाया नहीं गया अथवा विरोधी खेमे द्वारा उसी दिन जानबूझ कर यह कार्यक्रम आयोजित करवा दिया गया,जिस दिन राणा ब्लॉक मुख्यालय के सभागार का लोकार्पण पूर्व निर्धारित सरकारी कार्यक्रम के तहत कैबिनेट मन्त्री सतपाल महाराज से करवा रहे थे,जिससे राणा कार्यक्रम में प्रतिभाग कर अपना जनाधार और दमख़म न दिखा सकें!दरअसल जिस स्थान पर द्वारीखाल ब्लॉक मुख्यालय का भवन बनकर तैयार हुआ है,वह स्थान सतपाल महाराज की विधानसभा चौबट्टाखाल के अन्तर्गत आता है और महाराज के अधीन लोक निर्माण विभाग द्वारा जिला योजना के अन्तर्गत डेढ़ करोड़ की लागत से यह निर्माण किया गया है!ऐसे में महाराज द्वारा सभागार का लोकार्पण होना लाज़िमी था।माना जा रहा है कि राणा द्वारा महाराज द्वारा जो कि विपक्षी पार्टी के मंत्री हैं,द्वारा ब्लॉक सभागार के लोकार्पण को काँग्रेस के ब्लॉक प्रमुख राणा की उपलब्धि न दिखाते हुये,राणा विरोधी खेमे द्वारा हरीश रावत और गणेश गोदियाल के समक्ष राणा की छवि को पार्टी विरोधी पेश करने के कारण,राणा को इस कार्यक्रम से दरकिनार किया गया!आपको बता दें महेंद्र सिंह राणा द्वारीखाल प्रमुख बनने के बाद यमकेश्वर क्षेत्र में मजबूती से अपने राजनीतिक कद को बढ़ा रहे हैं और विधानसभा में सक्रिय भी हैं,उनको इस कार्यक्रम में नहीं बुलाना पार्टी को भारी पड़ सकता है!प्रमुख राणा इस बार यमकेश्वर विधानसभा से काँग्रेस टिकट पर विधायक की दावेदारी भी कर रहे हैं और द्वारीखाल ब्लॉक प्रमुख के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल जोकि कोविड आपदा द्वारा प्रभावित भी रहा है,में ब्लॉक मुख्यालय के सभागार का लोकार्पण करवाने के अलावा,डाडामण्डी में बहुउद्देश्यीय मंच,जिस पर परिवर्तन रैली का कार्यक्रम आयोजित किया गया,कांडाखाल में शहीद पार्क,चैलूसैण में व्यू पॉइंट,एम्पी थिएटर आदि बनवाने के साथ-साथ इलाके के गरीब बच्चों को पाठन सामग्री और फ़ीस आदि की मदद व्यक्तिगत स्तर से कर अपने सामाजिक दायित्यों और विकासशील सोच का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

उधर शैलेन्द्र सिंह रावत 2017 के पिछले चुनाव में इस क्षेत्र से काँग्रेस के विधायक उम्मीदवार रह चुके हैं,उस वक्त वे भाजपा की मौजूदा विधायक ऋतु खण्डूरी से क़रीब 9,500 वोटों से पिछड़ कर तीसरे नंबर पर रहे थे, जबकि निर्दलीय रेणु बिष्ट उनसे आगे दूसरे नम्बर पर रही थी!

ऐसे में जिस तरह के विकास कार्य कर राणा स्थानीय लोगों के बीच अपनी मजबूत पकड़ बना चुके हैं,वह काँग्रेस से विधानसभा टिकट के उनके दावे को सबसे मजबूत बनाता है।उधर निकटवर्ती दुगड्डा ब्लॉक की प्रमुख रुचि कैंतुरा भी काँग्रेस के टिकट को प्राप्त करने के लिये सक्रिय दिखायी दे रही हैं और उत्तर प्रदेश में प्रियंका गाँधी के महिलाओं को विधानसभा टिकट देने में 40 प्रतिशत आरक्षण के बयान के आधार पर,वह भी काँग्रेस टिकट पर अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं,ऐसे में देखना होगा कि तमाम तरह की गुटबाज़ी के चलते और महेंद्र राणा जैसे दमदार जिताऊ प्रत्याशी की उपेक्षा कर क्या काँग्रेस इस बार उत्तराखण्ड बनने के बाद यमकेश्वर विधानसभा में लगातार चार विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर आगे बढ़ रहे भाजपा के विजयरथ को रोकने में कामयाब हो पायेगी?

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