देहरादून । केंद्र सरकार के तीन नए कृषि विधोयकों का पूर्व मुख्यमं=ी हरीश रावत ने विरोधा किया है। आज हरीश रावत अपने समर्थकों के साथ गांधाी पार्क के गेट पर इसके विरोधा में धारना देते हुए मौन व्रत रखा। मौन व्रत के बाद पूर्व मुख्यमं=ी हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार तीन ऐसे ऑर्डिनेंस को पार्लियामेंट में कानून का रूप दे रही है जो किसानों के खिलाफ़ है। उन्होंने कहा ये कानून किसानों अधिाकारों को छीनने का एक षड्यं= है। साथ ही ये कानून किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधिाकारों को भी समाप्त करता है। इसके साथ ही इससे किसानों की मंडी प्रणाली को भी धवस्त किया जा रहा है। हरीश रावत ने कहा यह कानून बिचौलियों के हाथ में सारी खरीद-फ़रोख्त के अधिाकार दे रहा है। ऐसे ऑर्डिनेंस के जरिए किसानों की जमीनों को अप्रत्यक्ष रूप से देश के पूंजीपतियों को सौंपने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे ऑर्डिनेंस के विरोधा में खड़ी है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि आज उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से इस कानून का विरोधा जताते हुए आंदोलनरत किसानों का समर्थन किया है, जो आगे भी जारी रहेगा।
बता दें कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधोयक, मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान समझौता, और आवश्यक वस्तु संशोधान कानून के खिलाफ़ कांग्रेस ने बिगुल फ़ूंक दिया है। पूर्व मुख्यमं=ी हरीश रावत का कहना है कि तीनों कानून से मंडियां खत्म हो जाएंगी, इन कानूनों के आने से कारोबारी जमाखोरी करेंगे और इससे कीमतों में अस्थिरता आएगी। जिसका सीधाा असर देश के किसानों पर पड़ेगा।
मौन व्रत के बाद हरीश रावत ने एक सवाल के जवाब में पूर्व प्रदेश अधयक्ष किशोर उपाधयाय के आम आदमी पार्टी में जाने के कयासों पर भी विराम लगाया। उन्होंने कहा ये सब बकवास की बातें हैं।