महामहिम बोले सैलरी से कट जाते हैं पौने तीन लाख! पूछने लगे लोग”प्रेसीडेंट कब से देने लगे टैक्स”!
भाष्कर द्विवेदी जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
टैक्स फ्री पद पर हैं राष्ट्रपति,फिर 5 लाख की सैलरी में से पौने तीन लाख रुपये कहां भरते हैं..?
शुक्रवार 25 नवंबर को महामहिम रामनाथ कोविंद को लेकर स्पेशल ट्रेन कानपुर पहुंची,यहां झीझक में लोगों को संबोधित करते हुये राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मैं आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं, मुझे इस रेलवे स्टेशन का हर लम्हा याद है,यहां लोगों से बात करते हुए राष्ट्रपति ने अपनी सैलरी और टैक्स को लेकर भी बात की,कानपुर पहुँचे राष्ट्रपति का पूरा भाषण राजनीति से भरा-पूरा नजर आया,राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अंदाज में कहा कि सबसे ज्यादा वेतन देश के राष्ट्रपति को मिलता है,राष्ट्रपति ने कहा कि हमें 5 लाख मिलता है तो पौने 3 लाख टैक्स जाता है, हमसे ज्यादा बचत तो टीचर की होती है,तो बताइये बचा कितना? और जितना बचा उससे कहीं ज्यादा तो हमारे अधिकारी और अन्य दूसरे लोगों को मिलता है, यहां जो टीचर्स बैठे हुए हैं उन्हें तो सबसे ज्यादा मिलता है,वर्ष 2017 में इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति का पद हर तरीके के करों से मुक्त होता है।ऐसे में राष्ट्रपति की 5 लाख सैलरी में से पौने तीन लाख रूपये टैक्स कट जाना हजम न होने वाली बात है,महामहिम के इस बयान पर अकाउटेंट अजय अग्रवाल कहते हैं कि “राष्ट्रपति जी के प्रति पूर्ण सम्मान व्यक्त करते हुए मुझे कहना है कि देश में अधिकतम इन्कम टैक्स 30% ही है”
जानिए क्या हैं महामहिम होने की सुविधाएं..
भारत के राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक कहा जाता है,साथ ही उनकी पत्नी को प्रथम महिला का दर्जा मिलता है,इसके अलावा वह देश के तीनों सशस्त्र बलों यानी थलसेना,वायुसेना और नौसेना के सर्वोच्च सेनापति होते हैं,वर्ष 2017 तक उन्हें सिर्फ 1.50 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता था,जो वरिष्ठ नौकरशाह के वेतन से भी काफी कम था 2017 में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति महीने किया गया, वेतन के अलावा राष्ट्रपति को अन्य भत्ते भी मिलते हैं,जिनमें मुफ्त चिकित्सा,आवास और उपचार सुविधा (जीवन भर) शामिल हैं,इसके अलावा भारत सरकार हर साल उनके अन्य खर्चों जैसे आवास,स्टाफ, खाने-पीने और अतिथियों की मेजबानी पर करीब 2.25 करोड़ रुपये खर्च करती है!
राष्ट्रपति के मौजूदा वेतन और भत्तों की सूची
1- उनको हर महीने 5 लाख रुपये सैलरी मिलती है। इस रकम पर टैक्स नहीं लगता है।
2-उनको मुफ्त चिकित्सा सुविधा और आवास मिलते हैं।
4-राष्ट्रपति के जीवनसाथी को भी हर महीने 30,000 रुपये सेक्रटेरियल असिस्टेंस के तौर पर मिलता है।
रिटायरमेंट होने के बाद क्या?
1-उनको हर महीने 1.5 लाख रुपये पेंशन मिलता है।
2-राष्ट्रपतियों के जीवनसाथियों को हर महीने 30,000 रुपये सेक्रटेरियल असिस्टेंस के तौर पर मिलता है।
3-एक फर्निश्ड रेंट फ्री बंगला
4-दो फ्री लैंडलाइन और एक मोबाइल फोन
5- स्टाफ खर्च के लिए हर साल 60,000 रुपये
6-रेल या विमान से यात्रा फ्री,एक आदमी को साथ भी ले जा सकते हैं।
अब इतनी सुविधाएं और टैक्स फ्री महामहिम को यह सब बोलने की जरूरत क्यों पड़ी?इस विषय में दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट दुर्गेश कुमार पाण्डेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “यह समझ से परे है कि राष्ट्रपति जी ऐसा क्यों कह रहे हैं,अब ये भी हो सकता है कि यूपी में चुनाव होने हैं,राष्ट्रपति जी उस वर्ग से भी आते हैं जिसके चलते मोदी ने मीरा कुमार के सामने कोविंद को मैदान में उतारा था,दूसरी बात ये कि यूपी में चुनाव ड्यूटी के दौरान इतने शिक्षकों की मौत हुई है,इन सबमें कहीं ना कहीं सरकार से खिन्नता होगी,इसलिए राष्ट्रपति जी ने टीचरों को खुद की अपेक्षा अधिक सुख में बताया हो,लेकिन यह पूरे तौर पर गलत बयानी है।
कुल मिलाकर राष्ट्रपति कोविन्द का यह बयान महामहिम की गरिमा को गम्भीर ठेस तो पहुँचा ही रहा है।