दिल्ली। उत्तराखंड में सीएम का चेहरा अभी तक साफ नहीं हो पाया है। सीएम के नाम पर दिल्ली में नेताओं की मथापच्ची जारी है। वहीं हाईकमान के साथ कई नेता अपने पद को लेकर लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं। वहीं सीएम के नाम की रेस में विधायकों से लेकर सांसदों के नाम शामिल थे। लेकिन इस बार भाजपा हाईकमान अपना पैटर्न बदलने के मूड़ में है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड की बागडोर इस बार किसी सांसद को नहीं दी जाएगी। इससे यह तो तय है कि अब सूबे की सत्ता किसी विधायक के हाथों में ही सौंपी जाएगी। क्योंकि इस बार भाजपा नहीं चाहती है कि पिछले बार की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री बदलें जाएं और न ही पार्टी उपचुनाव करवाने के मूड़ में है।
बहरहाल देखना होगा कि 19 मार्च के दिन किसके सर उत्तराखंड का ताज सजने वाला है 47 विधायकों में से कौन मुख्यमंत्री बनेगा।