यूपी का बाहुबली करेगा क्या सीएम योगी के पिता का पिण्डदान!
गौरव तिवारी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
कवियत्री मधुमिता शुक्ला के चर्चित हत्याकाण्ड के आरोपी उत्तरप्रदेश के आपराधिक पृष्ठभूमि के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के नक्शेकदम पत्नी की हत्या के आरोपी उनके पुत्र और नौतनवा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अमनमणि त्रिपाठी आज कर्णप्रयाग एसडीएम वैभव गुप्ता से उलझ कर बदतमीज़ी कर बैठे,अब इसे सत्ता की हनक कहें या उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश से उनके निजी संबंधों की ऊँची पहुँच,लेकिन वे कोरोना वैश्विक महासंकट में भी सरकार का पास लेकर कर्णप्रयाग तक तो पहुँच ही गये,हालांकि कर्तव्यनिष्ठ उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग द्वारा उनको वापस लौटा दिया गया है
दरअसल आज अमनमणि त्रिपाठी अपने ग्यारह साथियों के साथ एक अनुमति पत्र जिसमें अपर मुख्य सचिव मुख्यमन्त्री उत्तराखण्ड के पत्र का भी जिक्र है,को लेकर बद्रीनाथ जा रहे थे,यह पत्र देहरादून से निर्गत किया गया था,जिसमें उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के स्वर्गीय पिता को मोक्ष दिलवाने का कारण लिखा गया है!अरे योगी जी कोरोना संकट की वजह से राजधर्म निभाते हुये खुद पिता के अन्तिम संस्कार में न आ सके और पिता के पिंडदान करने को उनके तीन भाई यमकेश्वर से ग्रीन जोन से बद्री-केदार ग्रीन जोन कभी भी चले जायेंगे,तुम्हारी रेड जोन से उत्तराखण्ड आने की जरूरत क्या है भाई?बहाना तो कम से कम ऐसा बनाओ जो गले से नीचे उतर जाये!दूसरा सवाल जब सरकार द्वारा बद्रीनाथ धाम के कपाट पन्द्रह मई को खोलने का तय किया गया है तो यह अनुमति दी ही क्यों गयी?
एक ओर जहां उत्तराखण्ड के मूल निवासी अपने घर से कुछ दूरी पर केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए नही जा पा रहे हैं यंहा तक कि उत्तराखण्ड के अन्दर भी एक जनपद के अन्दर भी एक स्थान से दूसरे स्थान केवल मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति ही जा पा रहा और उत्तराखण्ड में ही एक से दूसरे जनपद में जाना तो और भी टेढ़ी खीर है तो वहीं उत्तर प्रदेश का विधायक व उनके परिजन ना जाने कितने रेड जोन इलाकों से होते हुए कर्णप्रयाग पहुँच गये!तीसरा सवाल जब अनुमति केवल नौ लोगों की लॉग ऑन की थी तो फिर ग्यारह लोग क्यों और कैसे वँहा तक पहुँच गये?जबकि कदम-कदम पर पुलिस बैरिकेटिंग और चेक पोस्ट भी मौजूद हैं,मगर ये सब आम आदमी के लिये हैं ख़ास के लिये नहीं!जब “जागो उत्तराखण्ड”ने जिलाधिकारी चमोली स्वाति भदौरिया से फोन पर इस मामले की जानकारी करनी चाही, तो उन्होंने आने वाले लोगों की संख्या तो स्पष्ठ नहीं की परंतु कहा गया कि जब बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद हैं तो किसी को भी धाम में नहीं भेजा जायेगा,यूपी के बाहुबली विधायक समेत ग्यारह लोगों की इस टीम को उत्तराखण्ड के अन्दर इंट्री करवाने वाले मुख्यमन्त्री के ज़िम्मेदार अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की जनता की जान को जोख़िम में दलनेव वाली इस हरक़त पर महामारी एक्ट के हिसाब से तो उन पर बड़ा अपराध बनता है!मगर उनको सज़ा देगा कौन? जब सरकार चलाने वाले ही जनता की जान जोख़िम में डालने के अपराधी हों!