जखेटी इंटर कॉलेज की नवीन प्रबन्ध समिति के चुनाव पर सवाल उठाने वाले दीपक असवाल ने अपनी शिकायत ली वापस..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
पौड़ी के जखेटी इंटर कॉलेज की नवीन प्रबन्ध समिति के चुनाव पर सवाल उठाने वाले पूर्व काँग्रेस सचिव दीपक असवाल ने अपनी अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक और मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी को चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत वापस ले ली है।अपनी शिकायत वापस लेते हुए पूर्व काँग्रेस सचिव दीपक असवाल ने “जागो उत्तराखण्ड” को बताया कि मण्डलीय अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मण्डल पौड़ी को रिसीव करवाई गयी दिनाँक रहित शिकायत उनके द्वारा नहीं भेजी गयी हैं और उसमें उनके हस्ताक्षर भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा विद्यालय प्रशासन योजना का अध्ययन कर लिया गया है और अब उन्हें नवीन प्रबन्ध समिति के चुनाव पर कोई आपत्ति नहीं है तथा वे अब नवीन प्रबन्ध समिति को बच्चों के लिये और बेहतर शिक्षण सुविधाएं देने हेतु सहयोग करेंगे।उधर विद्यालय के निर्विरोध प्रबन्धक निर्वाचित विमल नेगी ने बताया कि शिक्षा विभाग के ही कुछ अधिकारी-कर्मचारी कॉलेज में अपनी मनमानी करने के लिये उनके वैधानिक निर्वाचन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं,उन्होंने बताया माध्यमिक पटल सीताराम पोखरियाल की पत्नी अवन्तिका पोखरियाल का नियमविरुद्ध तबादला अन्यत्र किये जाने के लिये ही उनके निर्विरोध निर्वाचन को शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा उलझाया जा रहा है,इससे पूर्व कॉलेज के व्यायाम शिक्षक महेन्द्र सिंह का भी नियमविरुद्ध तबादला देहरादून कर दिया गया था।उन्होंने बेसिरपैर की खबरें प्रकाशित वाले समाचार पोर्टलों को भी कानूनी नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है।विद्यालय प्रशासन योजना के अनुसार नवीन प्रबन्ध समिति के चुनाव सम्पन्न होने के अगले दिन नवीन प्रबन्ध समिति का अनुमोदन मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुमोदन कर दिया जाता है,लेकिन निर्विरोध नवनिर्वाचित प्रबंधक विमल नेगी ने बताया कि मण्डलीय अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मण्डल माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट जिस तरह दिनाँक रहित फर्जी शिकायतों पर जखेटी में निर्विरोध निर्वाचित नवीन प्रबन्ध समिति का अनुमोदन रोक रहे हैं,उससे लगता ये है कि वह उनके द्वारा बिष्ट पर किये गये मानहानि के दावे की खुन्नस निकाल रहे हैं।कुल मिलाकर जखेटी प्रकरण से ये बात तो साफ़ हो गयी है कि मण्डलीय अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मण्डल पौड़ी कार्यालय में लंबे समय से जमे बिष्ट विभाग के लिये बरगद का पेड़ बन चुके हैं जिसके नीचे मण्डल की शिक्षा व्यवस्था का पनपना मुश्किल है!