चुनावी मौसम में धामी सरकार का बेरोजगारों को सिक्योरिटी गार्ड बनाने का शर्मनाक शिगूफ़ा!

0
657

चुनावी मौसम में धामी सरकार का बेरोजगारों को सिक्योरिटी गार्ड बनाने का शर्मनाक शिगूफ़ा!

भास्कर द्विवेदी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

पिछले पाँच सालों में उत्तराखण्ड में बेरोजगारी माइनस -1% का ढिंढोरा पीटने वाले डबल इंजन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके बाद बने तीरथ सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी सरकारों द्वारा स्थानीय बेरोजगार युवाओं और कोरोना लाकडाउन से प्रभावित घर लौटे बेरोजगार युवाओं के साथ रोजगार मेलों के नाम पर जिस तरह से छल कपट और भ्रमित करके उनका आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है,उसी कड़ी में मौजूदा धामी सरकार ने पुनः एक नया शिगूफा युवाओं को भ्रमित करने हेतु सुरक्षा गार्ड की भर्ती के नाम पर जनपद पौड़ी मुख्यालय के क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी कार्यालय जहरीखाल द्वारा जारी विज्ञप्ति पत्रांक संख्या-0810/विज्ञप्ति/रो०मेला/2021-22/902
जो दिनांक 12/11/2021 को जारी है,के माध्यम से छोड़ा है!

जिसमें पौड़ी जनपद के विकास खंड अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कहा जा रहा है कि आप इस रोजगार मेले का व्यापक प्रचार-प्रसार करें!जबकि सबसे बड़ा सवाल विज्ञापन प्रकाशित करने वाली संस्था क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय जहरीखाल पर उठता है कि उन्होंने पूरे तथ्यों के साथ विज्ञप्ति जारी क्यों नहीं की?क्या सेवा योजन कार्यालय भी संबंधित कंपनी से मिलीभगत करके अपने लिए मेवा ( रिश्वतखोरी) तो नहीं पका कर रहा है?प्रचार-प्रसार और विज्ञप्ति जारी करने में राज्य के आर्थिक संसाधनों का अनावश्यक उपयोग किस आधार पर किया जा रहा है? इसका संबंधित एजेंसियों और उत्तराखंड सरकार को जवाब देना होगा!

नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल में शायद 2022 फ़तह करने की सोच से बेरोजगारों को भ्रमित करने की सोच से अनावश्यक रूप से आयोजित इन रोजगार मेलों से हासिल क्या हुआ? इस विषय पर भी सरकार 2022 चुनाव से पहले आँकड़े जनता के सामने रखे और इन मेलों के आयोजनों से प्रदेश पर कितना आर्थिक बोझ पड़ा यह जानकारी भी सार्वजनिक करे!विज्ञापित स्वरोजगार मेले द्वारा किस तरह आधी-अधूरी देकर बेरोजगार युवकों को भ्रमित किया जा रहा है उसका मुलाहिज़ा फरमाइये..

1- विज्ञप्ति में बताया गया है कि चयनित अभ्यर्थियों को
एक महीने का आवासीय प्रशिक्षण एवं किट हेतु शुल्क प्रशिक्षण केन्द्र में जमा करना होगा,लेकिन ये स्पष्ट
नहीं है कि कितना शुल्क लगेगा?हम आपको बताते चलें कि इस एक महीने के प्रशिक्षण प्रबंधन हेतु चयनित अभ्यर्थियों को ₹-10000/ जमा करना होगा,जिसमें आपको SIS कंपनी की वर्दी ,दो जोड़ी जूते और खाना मिलेगा?
2- विज्ञप्ति में बताया गया है कि चयनित अभ्यर्थियों का वेतनमान प्रति माह ₹-12000/ से 14000/ देय होगा,जबकि सच्चाई यह है कि ₹-14000/ सुपरवाइजर को,जिसमें
से कटफटकर ₹-11500/ उसे 12 से 14 घंटे की ड्यूटी के बाद मिलेगा!ऐसा ही वेतनमान ₹-12000/के साथ भी है!जिसमें ये स्पष्ट नहीं है कि आपको 12/14 घंटे की जनरल ड्यूटी के बाद बिना छुट्टी के हाथ में प्रतिमाह ₹-9500/ मिलेगा?
3- विज्ञप्ति में ये भी स्पष्ट नहीं है कि चयनित अभ्यर्थियों को नौकरी कहां करनी होगी जबकि अधिकतम युवा सोच रहे हैं कि उन्हें अपने विकासखंड स्तर पर ही रोजगार मिलेगा!जबकि कंपनी के नियमानुसार चयन होने के उपरांत युवा को पूरे भारतवर्ष में कहीं भी नौकरी करने हेतु भेजा जा सकता है!अब सवाल उठता है कि आखिर सरकार और सरकार की संबंधित एजेंसियां क्यों बेरोजगारी और महंगाई का दंश झेल रहे उत्तराखंड राज्य के विशेषकर पहाड़ी ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं और युवतियों के साथ इस तरह का खिलवाड़ कर रही हैं?

क्या इस तरह के घटनाक्रम से परेशान युवा आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल को दरकिनार कर प्रदेश में सत्त्ता परिवर्तन को चुनेगा या भ्रमित करते विज्ञापनों की चकाचौंध में लुप्त हो जायेगा?ये सब भविष्य के गर्त में है,बहरहाल हम सभी युवाओं से आह्वान करते हैं कि आप इस तरह के विज्ञापनों की पूरी जानकारी लेकर ही आगे बढ़े और अधिक जानकारी के लिए SIS Security Company के निम्न नंबरों पर संपर्क करें..

1- दिल्ली कार्यालय- 9810848573
2- देहरादून जोन -7010639972 / 9677149531
जागो उत्तराखण्ड हर जनहित के मुद्दे पर आपके साथ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here