डॉ धन सिंह जी बच्ची का हाथ टूटने पर प्लास्टर की जगह गत्ता बाँधता है आपके गृह जनपद पौड़ी का यह अस्पताल..!!
भगवान सिंह,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
21 वीं सदी में आदम के जमाने का यह दृश्य पौड़ी जनपद की लैंसडॉउन विधानसभा के रिखणीखाल के गाँव पुखारु,पोस्ट ऑफिस,सुल्मोरिखाल का है यहां चिकित्सकों ने बारह साल की एक बालिका सारिका का हाथ टूटने पर उसे गत्ते का प्लास्टर लगा कर घर भेज दिया!सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल के चिकित्सकों की दलील थी कि उनके पास एक्सरे मशीन चलाने के लिए टेक्निकल स्टाफ और ऑर्थोपेडिक चिकित्सक नही है,इसलिये आप फ़िलहाल इस जुगाड़ से काम चलाइये!सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल पूर्व से ही हमेशा सुर्खियों में रहा है और यही हाल कमोबेश उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के सभी पीएचसी व सीएचसी का है,पर शायद उजागर नही होता!रिखणीखाल हॉस्पिटल में एक्सरे मशीन आये एक वर्ष हो गया,जिसका प्रचार दो वर्ष से हो रहा है,पेटी में बंद मशीनों के फोटो शायद आपने भी नेताजी के साथ सोशल मीडिया पर अक़्सर देखे होंगे,पर मशीनों का इस्तेमाल करता आज तक कोई कर्मचारी नहीं देखा होगा।स्थानीय लोगों ने उस वक्त भी आवाज उठायी और आज भी कह रहे हैं कि इस अस्पताल में एक्सरे मशीन चलाने के लिए तकनीकी कर्मचारी चाहिये और एक्सरे देखने के लिए ऑर्थोपेडिक चिकित्सक की आवश्यकता है,पर शायद स्वास्थ्य विभाग में मशीनों को ऊँची कीमत पर खरीद कमीशन के पैसे डकारने की ही होड़ मची थी। लाखों का सामान करोड़ो में खरीदा गया और अब मशीन धूल फांक रही हैं और मरीज इलाज़ के अभाव में मर रहे है,मगर यह कोई अफसोस की बात नही है और अब शायद जनता को भी इस सौतेलेपन की जैसे आदत सी पड़ गई है।सीएचसी रिखणीखाल में गत्ता बंधवाने आने में गाड़ी की बुकिंग में बच्ची के परिजनों का लगभग डेढ़ हज़ार रुपया लगा और फ़िर उस गत्ते को हटवाकर पक्का प्लास्टर लगवाने कोटद्वार जाने में साढ़े तीन हज़ार रुपये,कुल मिलाकर प्लास्टर लगवाने में इस गरीब परिवार के पाँच हजार निकल गये, स्वास्थ्य मंन्त्री डॉ धन सिंह जी फिलहाल ब्लॉक या जिले का सरकारी अस्पताल ही ठीक करवा दीजिए जिससे गरीब जनता कम से कम वँहा तो अपना इलाज करवा सके,ये सीएचसी और पीएचसी के नाम पर दूरस्थ इलाकों में चिकित्सा सुविधा पहुंचाने का ढोंग अब बन्द होना ही चाहिये।