माँगों पर कार्यवाही न होने पर पूर्व सैनिक आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में अनिश्चितकालीन धरने पर..
गौरव तिवारी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
प्रदेश के तेरह जिलों में लगभग 204 पूर्व सैनिक एवं वीर नारी युद्ध अपंग सैनिक कर्मचारी वर्ष 2003 से जनपदों के सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत हैं,सभी कर्मचारी पद के सापेक्ष विभाग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत नियुक्त किये गये हैं तथा विभाग में अपना दायित्व बखूबी से निभा रहे हैं,इन कर्मचारियों को पाँचवा और छठा न्यूनतम वेतनमान वर्तमान में दिया जा रहा है,ये कर्मचारी लंबे समय से सातवें वेतनमान एवं नियमितीकरण की माँग कर रहे हैं,जिसपर कोई सुनवाई न होने पर अब प्रदेश भर के ये कर्मचारी अपने देहरादून स्थित निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुरर्वास के आगे अपनी माँगो को मनवाने हेतु अनिश्चिकालीन धरने पर बैठ गये हैं,संगठन के पदाधिकारी मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी,पूर्व मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,सैनिक कल्याण मन्त्री गणेश जोशी,शहरी विकास व खाद्य आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत के अतिरिक्त कई अन्य मंत्रियों और विधायकों,पूर्व एवं वर्तमान राज्यपाल समेत सांसदों से भी व्यक्तिगत तौर पर अपना प्रकरण सातवें वेतनमान एवं नियमितीकरण हेतु अहर्ता के पूर्ण तथ्यों एवं शासनादेशों के साथ मिलकर,उन्हें अपना दुख दर्द बयाँ कर चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ बार-बार मात्र आश्वासन ही मिलता रहा है,इसी क्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग का उक्त प्रकरण 28 अक्टूबर को होनी वाली कैबिनेट में रखे जाने हेतु पूर्ण रूप से आश्वस्त भी किया गया था,लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद भी इन कर्मचारियो का प्रकरण कैबिनेट में नहीं लाया गया,जिससे निराश होकर ये पूर्व सैनिक अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बनाकर निदेशालय सैनिक कल्याण और पुनर्वास के समक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये हैं,इन पूर्व सैनिकों की माँगों को अनसुना करना,सैनिक वोटरों की बड़ी संख्या को देखते हुये,आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को काफ़ी भारी पड़ सकता है।