झाझरा रेंज में भू माफिया से मिलीभगत कर प्लॉटिंग करवाने के लिये वन अधिकारियों ने लाश की तरह दफ्न करवा दिये दर्जनों हरे भरे पेड़..!

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झाझरा रेंज में भू माफिया से मिलीभगत कर प्लॉटिंग करवाने के लिये वन अधिकारियों ने लाश की तरह दफ्न करवा दिये दर्जनों हरे भरे पेड़..!

गौरव तिवारी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

देहरादून में वन विभाग के कुछ कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत से भू माफियों को लाभ पहुंचाने के लिए कैसे कूट रचित तरीके से बेजुबान हरे पेड़ों का कत्ल किया जाता है,इसी तरह का एक प्रकरण हमने आपको इसी साल अप्रैल माह में देहरादून के बालावाला इलाके में बताया था,(सम्बंधित खबर का लिंक https: //jagouttara khand. indehradun-defo-in-collusion-with-land-mafia-got-green-fruit-trees-cut-down/) जँहा प्लॉटिंग करने के लिये आम और अन्य फलदार वृक्षों के बगीचे को वन,उद्यान और राजस्व विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से काट डाला गया था।जबकि इस प्रकरण में उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों की रक्षा के लिये संघर्षरत संगठन पहाड़ी स्वाभिमान सेना ने इन वृक्षों पर रक्षा सूत्र बाँधकर विभागीय अधिकारियों और भू माफिया को ऐसा न करने की चेतावनी दी थी,पहाड़ी स्वाभिमान सेना ने अब इस मामले में डीएफओ देहरादून को ज्ञापन सौंपकर उक्त मामले में कोई कार्रवाई न होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है।अब इसी तरह का एक और ताजा मामला प्रकाश में आया है।जागो उत्तराखंड को खबर मिली कि देहरादून में ही झाझरा रेंज में मांडुवाला में आरक्षित वन से लगी नाप भूमि में काफी संख्या में हरे पेड़ों को प्लॉटिंग करने के उद्देश्य से जमीन के अंदर दफनाया गया है। इस प्रकरण की शिकायत जब हमने झाझरा रेंज के रेंजर से शनिवार को की तो उन्होंने रविवार को अपनी व्यस्तता एक प्रतियोगिता परीक्षा को सम्पन्न करवाने में बताई व सोमवार को उस स्थान की खुदाई कर पेड़ों को निकालने की बात कही। सूत्रों की मानें तो इस बात की भनक जैसे ही भ्रष्ट कर्मचारियों को लगी तो उन्होंने रेंज में 6 औऱ हरे खैर के वृक्षों को कटवा दिया,जिससे झाझरा रेंज के कर्मचारी व डिवीजन के ज्यादातर अधिकारी खैर के पेड़ों के अवैध पातन वाले मामले में व्यस्त हो जायें और ये लोग अपनी भूमि में दफनाए गए पेड़ों को ठिकाने लगा सकें!लेकिन खैर के पेड़ों का प्रकरण जल्द निपटने के कारण कल गुरुवार को रेंज अधिकारी झाझरा व उप प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून द्वारा उक्त मामले की सत्यता का पता लगाने के लिये मौके पर जेसीबी द्वारा खुदाई करवाई गयी,काफी मशक्कत करने के बाद उस भूमि का नजारा देख सब की आँखें खुली की खुली रह गयीं, कि कैसे कोई हरे स्वस्थ लहलहाते पेड़ों पर इतनी निर्दयता कर सकता है?तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कैसे वहां पूरे के पूरे पेड़ों को लाश की तरह दफनाया गया है। इस प्रकरण में रेंज के एक पूर्व रेंजर की मिली भगत सामने आ रही है। उनके कार्यकाल में प्लॉटिंग वाले को फायदा पहुंचाने के लिए इस भूमि से लगे रिजर्व फॉरेस्ट में वन संरक्षण अधिनिय का उल्लंघन कर सड़क निर्माण भी किया गया था और बिना वन व राजस्व विभाग के ज्वाइंट सर्वे के इस संवेदनशील वन में जेसीबी मशीन पहुंचाई गयी व उनके द्वारा वहां इतने बड़े भूभाग का समतली करण कर दिया गया,पेड़ों को दफना दिया गया और वन विभाग के जिम्मेदार कर्मचारी सोते रहे। गूगल की इमेज देखें तो 25 फरवरी 2023 को वहां पर काफी संख्या में हरे पेड़ दिख रहे हैं। जागो उत्तराखंड अपनी पैनी नज़र बनाये हुये है कि वन विभाग के उच्चाधिकारी इस गम्भीर वन अपराध में संलिप्त वन अधिकारियों और भू माफिया पर क्या कार्रवाई करता है?

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