दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे की निर्माण एजेंसी का फर्जीवाड़ा पकड़ में..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस के निर्माण में निर्माण एजेंसी का बड़ा फर्जीवाड़ा एनएचएआई की पकड़ में आ गया है।इस एक्सप्रेस वे का काम शुरू हुये एक वर्ष से अधिक का समय हो गया है,लेकिन धरातल पर एक्सप्रेस वे का कार्य दस प्रतिशत काम भी दिखायी नहीं पड़ रहा है।जानकारी प्राप्त हुयी है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे निर्माण के नाम निर्माण एजेंसी को जारी धनराशि को एजेंसी अपनी दूसरी साइट पर लगा दिया है,इससे एक वर्ष बीत जाने के बावजूद एक्सप्रेसवे का दस प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो सका। इस खुलासे के बाद सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।ऐसा माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक कंपनी ब्लैक लिस्ट कर दी जाएगी। साथ ही निर्माण एजेंसी की बैंक गारंटी भी जब्त हो सकती है।एनएचआई की सख्ती के बाद निर्माण एजेंसी ने कुछ हिस्सों में काम शुरू किया है, लेकिन एनएचएआई का मानना है कि ऐसे में परियोजना तय समय पर पूरी करना मुश्किल है। इस बीच, दूसरी निर्माण एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जा रहा है।पहले कोशिश होगी कि टेंडर प्रक्रिया में बाकी कंपनियों को मौका दिया जाए और यदि सहमति नहीं बनी तो नए सिरे से टेंडर भरा जाएगा। दरअसल एक्सप्रेस वे के दूसरे चरण में सड़क निर्माण के लिए एक निजी कंपनी को जनवरी 2020 में 1350 करोड़ का वर्क ऑर्डर जारी हुआ। कंपनी ने बकायदा लोनी बॉर्डर से बागपत (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे) तक निर्माण भी शुरू किया। एनएचएआई ने 65 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की, लेकिन उसके बाद आगे काम नहीं किया। करीब एक वर्ष बीत जाने पर एनएचएआई ने जब गहनता से जाँच की तो पता चला कि कंपनी संबंधित खाते से 65 करोड़ रुपये अपने अन्य प्रोजेक्ट के लिए निकाल कर ले गयी है! अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।