उत्तरकाशी में आपदा के कहर:मांडो गाँव में मलबे से दबे घर में ढाई घंटे फंसा रहा बुजुर्ग,मौत को दी मात!..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
उत्तरकाशी के मांडो गाँव के 75 साल के गैणा सिंह ने मौत को मात दे दी है!गैणा सिंह मलबे से दबे घर के अंदर ढाई घंटे तक फंसे रहे,बाद में ढाई घंटे बाद इस बुजुर्ग को सकुशल निकाल लिया गया!जनपद के मांडो,निराकोट और कंकराड़ी में जल प्रलय ने जमकर तबाही मचायी है,प्रकृति के इस रौद्र रूप से जान बचाने के लिए हर कोई यहां-वहां भाग रहा था,ऐसा ही एक मंजर मांडो गाँव में भी देखने को मिला,यहां जल प्रलय के कारण कई घर मलबे में दब गये,हर कोई अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था, लेकिन एक बुजुर्ग ऐसा नहीं कर पाया, इस कारण वो करीब ढाई घंटे मलबे से दबे घर में फंसे रहे! स्थानीय युवाओं और पुलिस के जवानों की मदद से बुजुर्ग को बाहर निकाला गया।जानकारी के अनुसार रविवार रात 8.30 बजे जब मांडो गाँव के गदेरे में जल प्रलय के कारण मलबा मौत बनकर बहा,उस समय सब लोग जान बचाकर सुरक्षित स्थानों की तरफ भाग रहे थे,हालांकि इसके बाद भी तीन जिंदगियां मलबे में दब गईं, इस घटना के दौरान 75 वर्षीय गैणा सिंह भी जो कि अपने भाई के बच्चों के साथ रहते हैं, घर में सो रहे थे,तभी अचानक पानी के साथ मलबा तबाही लेकर उनके घर को दबा गया!इस दौरान बुजुर्ग का भतीजा भी बुजुर्ग को लेने आया,लेकिन तब तक मलबा आने के कारण बुजुर्ग का भतीजा भी मलबे की चपेट में आ गया,जिसे स्थानीय लोगों ने समय रहते बचा लिया,मगर बुजुर्ग गैणा सिंह मलबे से दबे घर के अंदर ही फंस गए।हालात थोड़े सामान्य होने के करीब ढाई घंटे बाद स्थानीय लोगों की जानकारी के बाद स्थानीय युवा और पुलिस के जवान बुजुर्ग के घर पर पहुंचे, आगे से मलबे से पटे दरवाजे को तोड़ने के बाद भी बुजुर्ग को नहीं निकाला जा सका! जिसके बाद मकान का पीछे का दरवाजा तोड़कर बुजुर्ग को सुरक्षित बाहर निकाला गया। जिसके बाद उन्हें 108 की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया,जहां से गैणा सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी है।