राज्य स्थापना दिवस की पूर्वसंध्या पर जनरल टीपीएस ने रघुवीर बिष्ट को सौंपी अपनी राजनीतिक विरासत..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट से सांसद,काँग्रेस सरकार में कैबिनेट मन्त्री और क्षेत्रीय दल रक्षा मोर्चा के संस्थापक लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत ने राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर राजनीति को अलविदा कहते हुए अपने निकटस्थ दो दशक पुराने सहयोगी रघुवीर बिष्ट को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप दी है,अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि फ़ौज से रिटायरमेंट होने के बाद रघुवीर बिष्ट ही उन्हें राजनीति में लेकर आये और बाद में वे पौड़ी जनपद की धुमाकोट सीट से दो बार विधायक चुने गये,कांग्रेस सरकार में उन्होंने पर्यटन मंत्री का कार्यभार भी संभाला और अपने विधानसभा क्षेत्र धुमाकोट में उल्लेखनीय काम करने का प्रयास किया,इसी क्रम में उन्होंने वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के लिए धुमाकोट सीट को भी छोड़ते हुये यह सोचा था कि मुख्यमंत्री के लिये विधायक की सीट को छोड़ना विधानसभा के लिये लाभदायक होगा और मुख्यमंत्री खण्डूरी उनके उपेक्षित गृहक्षेत्र नैनीडांडा धुमाकोट और रिखणी-खाल के इलाके में बेहतर काम कर,क्षेत्र को विकास के पथ पर अग्रसर करेंगे!लेकिन मुख्यमंत्री खंडूड़ी उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे और उनके गृहक्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हुये,जिसे वह अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल मानते हैं,उन्होंने रघुवीर बिष्ट को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपते हुये कहा कि रघुवीर बिष्ट हर तरीके से योग्य हैं और धुमाकोट, नैनीडांडा, रिखणीखाल क्षेत्र का विकास करने में पूरी तरह सक्षम भी,इसलिए 2022 में स्थानीय लोग रघुवीर बिष्ट को लैंसडाउन विधानसभा से अपना आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजें,जिससे इस उपेक्षित क्षेत्र का विकास हो।कार्यक्रम में पूर्व गढ़वाल कमिश्नर एस. एस.पांगती, राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान, पी. सी. थपलियाल,मनोज ध्यानी,आदि ने भी रघुवीर बिष्ट को अपना पूरा समर्थन देते हुये अपने विचार रखे,कार्यक्रम का समापन अतिथियों के लिये परोसे गये स्वादिष्ठ पारम्परिक पहाड़ी भोज के साथ हुआ, इस अवसर पर कई वरिष्ठ पत्रकार और समाज के बुद्धिजीवी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।कार्यक्रम के माध्यम से आगामी विधानसभा चुनाव में लैंसडाउन विधानसभा से रघुवीर बिष्ट का चुनाव लड़ना तय हो गया है,रघुवीर बिष्ट को उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों,गैरसैंण राजधानी निर्माण अभि-यान और समाज के कई बुद्धिजीवियों और स्थापित लोगों का समर्थन मिल रहा है,जिससे 2022 में उनकी लैंसडाउन सीट से विधानसभा पहुंचने की राह आसान होती दिखायी दे रही है।