महाशिवरात्रि पर नीलकंठ महादेव जाने वाले हजारों श्रद्धालु जाम में फँसकर बिना दर्शन किये लौटे..

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महाशिवरात्रि पर नीलकंठ महादेव जाने वाले हजारों श्रद्धालु जाम में फँसकर बिना दर्शन किये लौटे..

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

महाशिवरात्रि पर नीलकंठ महादेव जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं को जाम में फँसकर बिना दर्शन किये बैरंग लौटना पड़ा,दरअसल इस अवसर पर उत्तराखण्ड ही नहीं उत्तर प्रदेश,हरियाणा,पंजाब, दिल्ली, एनसीआर समेत आसपास के कई राज्यों से श्रद्धालु,कांवड़ लेकर या अपने वाहनों से पौड़ी गढ़वाल की यमकेश्वर तहसील में स्थित नीलकंठ महादेव मन्दिर पहुंचते हैं।लेकिन इस बड़े धार्मिक आयोजन को सफ़ल बनाने को पौड़ी, हरिद्वार और देहरादून जिलों,जिनको पार कर श्रद्धालु यँहा पहुँचते हैं के पुलिस-प्रशासन में आपसी तालमेल का पूर्णतः अभाव देखा गया,जिसकी वजह से ऋषिकेश से स्वर्गाश्रम होते हुये नीलकंठ मार्ग पर घंटों तक भारी जाम लगा होने की वजह से हजारों श्रद्धालुओं को बिना दर्शन किये बैरंग लौटना पड़ा,जाम की ऐसी ही स्थिति हरिद्वार-कोटद्वार मार्ग पर भी देखने को मिली जिसके कारण कोटद्वार और आगे का सफ़र करने वाले यात्री भी घंटो तक जाम में फंसे रहे।

ऋषिकेश-स्वर्गाश्रम-नीलकंठ मार्ग संकरा होने के कारण ज्यादा ट्रैफिक होने पर इसे वन वे करना नितांत आवश्यक है,लेकिन इसे लागू करवाने में पौड़ी पुलिस और प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा,जो शिव रात्रि के अवसर पर लगे जाम की मूल वजह है,अभी ये हाल है तो जब श्रावण मास में यँहा लाखों श्रद्धालु नीलकण्ठ महादेव जल पहुंचाने या जब पर्यटन सीजन आने पर पर्यटन इस मार्ग पर स्थित कैम्पों,रिसॉर्ट्स और होटलों में पहुचेंगे तब क्या हाल होंगे?आसानी से समझा जा सकता है!क्योंकि इस सड़क के किनारे वाहनों को पार्क करने को एक भी पब्लिक पार्किंग नहीं है।स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि इस दौरान गरुड़चट्टी टोल बैरियर पर टोल वसूलने वाली जिला पंचायत पौड़ी भी पूरी तरह नाकाम नज़र आयी,जिला पंचायत पौड़ी द्वारा तयशुदा कार्य योजना के तहत पैदल मार्ग पर सोलर लाइट की व्यवस्था तथा ख़ुद के द्वारा संचालित शौचालय में पानी की तक व्यवस्था तक नहीं की गयी।जल संस्थान द्वारा मन्दिर के पन्द्रह किलोमीटर के दायरे में कहीं भी श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नही थी और विधुत विभाग भी मन्दिर के पाँच किलोमीटर मार्ग पर कहीं भी लाइट की व्यवस्था करने में नाकाम ही रहा।यात्रियों से जानकारी प्राप्त हुयी है कि पीपलकोटी के पास सड़क पर बोल्डरों के कारण मार्ग के संकरा होना भी जाम की बड़ी वजह बना,इस दौरान जुलेड़ी से एक डेड बॉडी भी पीपलकोटी से फूलचट्टी घाट छः घंटो में पहुँच पायी!अगर इस तरह कोई प्रसूता या बीमार जाम में फंस जाता तो उसकी जान पर बन सकती थी!जाम से निजात दिलाने हेतु दुगड्डा-गुमखाल-कोटद्वार होकर या कौड़िया-जुलेड़ी-विन्ध्वासिनी मोटर मार्ग को निकासी के लिये वन वे के रूप में चालू करवाना बेहद आवश्यक है। बहरहाल शिवरात्रि के अवसर पर पर्यटन प्रदेश के पुलिस-प्रशासन का यह बड़ा फेलियर आने वाली चार-धाम यात्रा की तैयारियों के लिये अलार्म तो बजा ही रहा है।

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