प्रकाश ट्रस्ट व पत्रकार क्लब ने हिन्दी दिवस पर किया गोष्ठी का आयोजन..

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प्रकाश ट्रस्ट व पत्रकार क्लब ने हिन्दी दिवस पर किया गोष्ठी का आयोजन..

जितेन्द्र कठैत जागो ब्यूरो चमोली:

हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रकाश ट्रस्ट एवं पत्रकार क्लब द्वारा जयदीप भवन में एक गोष्ठी का आयोजन किया गय, जिसमें सभी पत्रकारो एवं बुद्धिजीवियों ने अपनी सहभागिता निभायी।इस अवसर पर हिन्दी राज भाषा को जन-जन की भाषा एवं लोकप्रिय भाषा बनाने के लिए प्रयास करने पर विचार विमर्श किया गया, ताकि युवापीढ़ी शुद्ध हिन्दी लिखना, बोलना व समझना सीख पाये,इस गोष्ठी की संयोजिका ड़ॉ किरन पुरोहित जयदीप ने स्वर्गीय प्रकाश पुरोहित जयदीप के साहित्य सृजन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला व उनसे प्रेरणा लेने का आग्रह करते हुए जनपद के प्राचीन व वर्तमान सभी सम्मानित पत्रकारों व हिन्दी साहित्यकारों की वृहद सूची बनाने का संकल्प लिया,साथ ही कोविड काल में समाज के लिए किए समर्पित भाव से कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करने का निर्णय भी लिया गया।इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शेखर रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के पुराने सभी पत्रकारों एवं साहित्यकारों की मेरे पास वृहद सूची है,उन्होंने उनसे सभी को प्रेरणा लेने का आग्रह किया,साथ ही जगदीश पोखरियाल ने जानकारी दी कि हम सभी पत्रकार बन्धुओं को भाषा की शुद्धता व दुधबोली पर भी विशेष ध्यान देना चाहिये, ताकि समाज मे पाठकों में एक सकारात्मक संदेश जाए,वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद सेमवाल ने कहा कि पत्रकारों को महापण्डित राहुल सांकृत्यायन की भाँति भ्रमण कर स्थितियों का यथार्थ चित्रण कर हिन्दी भाषा को गौरवान्वित कर राज भाषा को वास्तविक सम्मान दिलाना चाहिए। गोष्ठी के संचालक राजा तिवारी ने हिन्दी भाषा के साथ -साथ गढ़वाली एवं लोक भाषाओं के प्रति सम्मान व गौरव महसूस करते हुए उसे भी व्यवहार में लाने का आग्रह किया व युवा पीढ़ी को इसे जिंदा रखने के लिए अथक प्रयास करने की बात पर बल दिया। इस गोष्ठी के मुख्यवक्ता हरि प्रसाद ममगाईं ने पुस्तकों व पुस्तकालयों के महत्व पर जोर देते हुए आग्रह किया,कि हमें हिंदी साहित्य के उच्च कोटि की पुस्तकों का अनवरत अध्ययन करना चाहिये व ग्राम-ग्राम तक पुस्तकालयों की स्थापना होनी चाहिये,ताकि युवा पीढ़ी पुस्तकों का अध्ययन कर नवसृजन कर हिन्दी साहित्य को समृद्ध कर सकें व अपने जीवन मे उच्च मान दण्ड स्थापित कर हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषा बनाने में सहयोग प्रदान कर सकें। इस अवसर पर सुरेन्द्र रावत,मनोज रावत,जितेन्द्र कठैत आदि लोगों ने भी हिन्दी भाषा की समृद्धि के लिये अपने विचार व्यक्त किये।

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