लैंसडाउन छावनी क्षेत्र में पेड़ो का अवैध कटान सेना की सुरक्षा के लिये बन सकता है बड़ा ख़तरा!
जागो ब्यूरो एक्सक्लूसिव:
पौड़ी जनपद के लैंसडाउन में सेना की सड़क बनाने के नाम पर पेड़ों के अवैध कटान और अवैध तरीके से उखाड़ने का मामला प्रकाश में आया है,दरअसल यह एरिया छावनी क्षेत्र के अंतर्गत आता है,इसलिए यहां पर मीडिया की जानकारी से बचने का लकड़ी तस्करों को ज्यादा बेहतर मौका है! क्योंकि आर्मी एरिया होने की वजह से ज्यादातर इलाकों में मीडिया कवरेज नहीं हो पाती,इसी बात का फायदा उठाकर यहां पर अवैध तरीके से भारी संख्या में पेड़ों का अवैध कटान और पेड़ों को अवैध तरीके से उखाड़ा जा किया जा रहा है,दरअसल रक्षा संपदा अधिकारी मेरठ मंडल ने यहां सेना की सड़क बनाने के नाम पर भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय से 63 पेड़ों को काटने की संस्तुति लेकर उनकी नीलामी की है,इसके लिए बाकायदा 9 लाख 50 हजार में कोटद्वार के एक लकड़ी कारोबारी ने इसका टेंडर खरीदा है,जिसके बाद यहां पर पेड़ों का कटान शुरू हो गया है,लेकिन हैरानी है कि पेड़ों का छपान और काटने की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही बीआरओ ने सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है,जिसमें पोकलैंड और जेसीबी मशीन पहले ही कई पेड़ उखाड़ चुकी है,जिसके बाद अब लकड़ी कारोबारी ने भी यँहा पेड़ों का कटान शुरू कर दिया है,छावनी क्षेत्र के रेंजर के अनुसार यहां पर मात्र चीड़ के पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है,जबकि “जागो उत्तराखण्ड” द्वारा की गयी पड़ताल में पता चला है कि जिन 63 पेड़ों को काटने के अनुमति दी है,उसमें चीड़ के 48 पेड़ों के अलावा, 8 बाँज,1-1देवदार,बुराँस व काफल एवं 2-2 सुराही व तुन के पेड़ शामिल हैं, सवाल-जवाब में उलझने पर लकड़ी कारोबारी भी इस बात को कुबूल रहा है कि मौक़े पर पहले से ही पेड़ उखाड़े जा चुके हैं,ऐसे में लकड़ी कारोबारी के पास मौका है कि वह काटे जाने वाले 63 पेड़ों के अलावा,वह उखाड़े गये पेड़ों को भी उठाकर मोटा मुनाफा कमाये!यँहा एक और संदेहास्पद बात सामने आयी है, कि जिस स्थान पर सड़क बन रही है वँहा देवदार,बाँज और अन्य प्रजाति के पेड़ दूर-दूर तक कंही नजर नहीं आ रहे हैं,जिससे यह संदेह पैदा होना लाज़िमी है कि क्या इन पेड़ों को बेवज़ह मुनाफ़ा कमाने के लिये तो नहीं कटवाया जा रहा है? इसलिए “जागो उत्तराखण्ड” देश के रक्षा मंत्रालय से निवेदन करता है कि इस मामले का संज्ञान लेकर पूरे प्रकरण की बारीकी से जाँच कर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करे।जिससे सेना में ईमानदारी क़ायम रहे और आर्मी एरिया के अंदर लकड़ी तस्कर सक्रिय ना हो जायें!अगर ऐसा होता है तो यह देश की सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक होगा! क्योंकि इस वन क्षेत्र की वजह से ही यह आर्मी एरिया अब तक बाहरी गतिविधियों से अलग-थलग सुरक्षित और गोपनीय बना हुआ है।