“जागो उत्तराखण्ड'” की ख़बर का बड़ा असर: होमियोपैथी विभाग देगा देवार गाँव के लकुये से अशक्त हुये विक्रम रावत को वेतन..
जागो ब्यूरो एक्सक्लूसिव:
“जागो उत्तराखण्ड” द्वारा संयुक्त चिकित्सालय श्रीनगर में तैनात पौड़ी के देवार गाँव के विक्रम सिंह रावत को लकुये का अटैक पड़ने के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा वेतन आहरण न किये जाने के मामले में बड़ा असर हुआ है,”जागो उत्तराखण्ड” द्वारा अक्टूबर 2020 में मामले को मजबूती से उठाये जाने पर अशक्त कर्मचारी से सम्बंधित शासनादेश के अन्तर्गत विक्रम को वेतन और अवशेष का भुगतान करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी थी और अब 8 जुलाई को उत्तराखण्ड शासन के सचिव चंद्रेश कुमार द्वारा निदेशक होमियोपैथी चिकित्सा विभाग को विक्रम के ठीक होने तक/ रिटायरमेंट तक या पद रिक्त होने तक वेतन भुगतान किये जाने के आदेश जारी हो गये हैं,विक्रम के भाई सुरेंद्र रावत ने इस सफलता पर “जागो उत्तराखण्ड” का आभार प्रकट किया है।”जागो उत्तराखण्ड” भी विक्रम के परिजनों को इस सफलता पर बधाई देता है और “जागो उत्तराखण्ड” की इस मुहिम को लाइक और शेयर कर शासन पर दबाव बनाने के लिये आप सभी मित्रों का आभार प्रकट करता है।
ये था मामला..
पौड़ी के देवार गाँव में परिवार के मुखिया पर लकुये की मार,कटे पर नमक विभाग का लाचार कर्मचारी को वेतन देने से भी इन्कार..
जागो ब्यूरो विशेष:
पौड़ी के देवार गाँव का एक परिवार,पिछले तीन साल से बेहद परेशानी में दिन गुजार रहा है,दरअसल परिवार के मुखिया विक्रम सिंह रावत जो कि संयुक्त चिकित्सालय श्रीनगर में वार्ड ब्वाय का काम करते थे,को अचानक 4 अप्रैल 2017 को लकवे का अटैक पड़ गया,जिसके बाद वह कामकाज करने और बोलने चालने से भी लाचार हो गये,विभाग ने विक्रम को साल भर तक तो मेडिकल अवकाश में वेतन का भुगतान किया,लेकिन उसके बाद विक्रम को वेतन भुगतान करना बन्द कर दिया,जिससे पिछले ढाई साल से विक्रम के परिवार को विक्रम का इलाज़ करने को दवाएं खरीदने और बच्चों की फ़ीस देने में बेहद दिक्कतें पेश आ रही है,”जागो उत्तराखण्ड”ने विक्रम के गाँव जाकर विक्रम के परिवार को दिलाशा दिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है,विक्रम आयुष मंत्रालय के अन्तर्गत होमियोपैथी विभाग का कर्मचारी है,यह विभाग डॉ हरक सिंह रावत के पास है,”जागो उत्तराखण्ड” विभागीय मन्त्री व उच्चाधिकारियों से निवेदन करता है,कि विक्रम के परिवार को अवशेष वेतन निर्गत कर फौरी राहत दी जाय और विक्रम की पत्नी को पति के स्थान पर नौकरी या पेंशन देकर परिवार को इन बेबस हालातों से बाहर निकलने में मदद करे,साथ ही सरकार को विक्रम जैसे कर्मचारियों के लिये विभाग में कोई स्थायी पालिसी भी बनानी चाहिये,क्योंकि ये हालात कभी भी किसी के साथ भगवान न करे पैदा हो सकते हैं!
यूँ हुयी थी वेतन और अवशेष भुगतान की क़वायद शुरू..
“जागो उत्तराखण्ड” की ख़बर का असर:पौड़ी के देवार गाँव के लकुवाग्रस्त विक्रम रावत को होमियोपैथी विभाग देगा वेतन..
अम्बेश पन्त,जागो ब्यूरो विशेष:
पौड़ी के देवार गाँव में लकुवाग्रस्त विक्रम रावत को पिछले ढाई साल से वेतन न दिए जाने की खबर “जागो उत्तराखण्ड” पर प्रसारित करने के उपरांत समाज के कई जागरूक संवेदनशील व्यक्ति विक्रम रावत की मदद को आगे आए हैं,कोषागार संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष यतिन शाह सबसे महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुये, उन्होंने “जागो उत्तराखण्ड” को एक शासनादेश उपलब्ध कराया है,जिसके अनुसार सरकारी सेवा के दौरान अशक्त हुए कर्मचारी को रिटायरमेंट की आयु तक किसी अन्य बहुसंख्यक पद पर(जिसपर ज्यादा कार्यभार न हो) समायोजित करने और रिटायरमेंट की आयु तक वेतन दिए जाने का प्रावधान है,इसके बाद शासनादेश का हवाला देते हुये “जागो उत्तराखण्ड” कोर टीम सदस्य अम्बेश पन्त ने होम्योपैथी विभाग से संपर्क किया,जिसके बाद विभाग द्वारा विक्रम को अवशेष और भविष्य में वेतन भुगतान किये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है “जागो उत्तराखण्ड” आप सभी जागरूक संवेदनशील नागरिकों का आभार प्रकट करता है,कि आपके इस खबर को शेयर और लाइक करने और विक्रम रावत के परिवार को अपना मानवीय समर्थन देने की वजह से विक्रम के परिवार को फौरी वित्तीय राहत मिलती हुयी दिखाई देती है,”जागो उत्तराखण्ड” इस अवसर पर इस ख़बर को प्रमुखता से प्रसारित करने हेतु सहयोगी मीडिया नेटवर्क”मोजो भारत” और “उत्तराखण्ड भारत” के संपादक स्वप्निल श्रीवास्तव का भी आभार प्रकट करता है,जिनके सहयोग के बिना विक्रम रावत के प्रकरण में तत्काल विभागीय कार्यवाही होना सम्भव नहीं था,”जागो उत्तराखण्ड” कोर टीम सदस्य अम्बेश पन्त ने देवार गाँव जाकर विक्रम रावत के परिवार को होमियोपैथी विभाग द्वारा वेतन दिये जाने की ख़बर दी गयी,जिससे यह परिवार अब कुछ राहत महसूस कर रहा है,यह हम सभी की सामूहिक सफ़लता है,आइये एकजुट-एकमुट होकर जनसरोकारों की इस लड़ाई को और बड़े रूप में ले जाकर बड़ी जनसमस्याओं के समाधान का शंखनाद करें।