पहाड़ की बेटी कुसुम कंडवाल भट्ट अपनी संस्था “सर्च माई चाइल्ड” के माध्यम से पहाड़ से मैदान तक जरूरतमंदों को पहुँचा रही राहत..

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पहाड़ की बेटी कुसुम कंडवाल भट्ट अपनी संस्था “सर्च माई चाइल्ड” के माध्यम से पहाड़ से मैदान तक जरूरतमंदों को पहुँचा रही राहत..

कुसुम भट्ट,जागो ब्यूरो,दिल्ली:

आज सारी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है,सभी का कामकाज लगभग ठप्प है,आम आदमी परेशान है कि वह अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करे?यह विकट समस्या हर आम और ख़ास के सामने खड़ी है,ऐसे में कई समाजसेवी संस्थायें,एनजीओ व अन्य कई तरह के संगठन आगे बढ़कर लोगों की मदद कर रहे हैं,ऐसा ही एक नाम है पहाड़ की बेटी कुसुम कंडवाल भट्ट का जो इस मुसीबत के समय में अपनी संस्था “सर्च माई चाइल्ड” के माध्यम से जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रही हैं,जिसमे वह मुख्यतः बिछड़े बच्चों को अपनों से मिलाती हैं व समय-समय पर बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करती रहती हैं, कोरोना संकट के दौरान अपनी संस्था के कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुये उन्होंने जरूरत के सामान के बैग बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाये,वह अपनी संस्था के माध्यम से राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से लेकर अपनी मातृभूमि उत्तराखण्ड के पहाड़ों के दूरदराज इलाकों में भी जरूरतमंदों को अलग-अलग तरीक़े से राहत पहुंचा रही हैं,पिछले दिनों उन्होंने राजधानी दिल्ली के नज़दीक बुआपुर,कौशांबी,गाजियाबाद में लगभग डेढ़ सौ जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया,इसके अलावा गोविंदपुरी और वैशाली में भी दर्जनों असहाय लोगों को मदद पहुंचायी और उन्हें राहत सामग्री वितरित की,वह निरंतर दिल्ली और दिल्ली से लगे सभी क्षेत्रों में जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं

कोरोना संकट के दौरान वह अपने क्षेत्र उत्तराखंड को भी नहीं भूली,अभी कुछ दिनों पहले उन्होंने पौड़ी जनपद के थैलीसैंण क्षेत्र में कई निराश्रित विधवाओं और असहाय लोगों,जिनके राशन कार्ड भी नहीं बने थे,को आला अधिकारियों से सम्पर्क कर तत्काल खाद्य सामग्री दिलवाकर भुखमरी के हालात से बाहर निकाला,वह लगातार गरीब और असहाय लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनती हैं और हँसते-हँसते उन्हें न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं,वरन चुटकियों में उनका समाधान करना भी उनकी खास विशेषता है,वर्तमान समय में समाज को कुसुम जैसे लोगों की नितान्त आवश्यकता है,जो समाज से लेना नहीं समाज को देना जानते हैं,निःसंदेह पहाड़ की बेटी कुसुम कंडवाल भट्ट अपने नाम के अनुरूप जरूरतमंदों की मदद कर पहाड़ की खुशबू पूरे देश में महका कर उत्तराखण्ड का नाम रोशन कर रहीं है,”जागो उत्तराखण्ड” की तरफ़ से कुसुम को स्वस्थ, ख़ुशनुमा और दीर्घायु जीवन की शुभकामनाएं!

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