शून्य स्थानांतरण सत्र में पीडब्ल्यूडी में हुये ट्रान्सफरों और संसोधनों में सीएम ऑफिस की वसूली का खेल!..

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शून्य स्थानांतरण सत्र में पीडब्ल्यूडी में हुये ट्रान्सफरों और संसोधनों में सीएम ऑफिस की वसूली का खेल!..
जागो ब्यूरो एक्सक्लूसिव:

कोविड के मौजूदा हालात देखते हुये मई 2021 में तत्कालीन मुख्य सचिव ओमप्रकाश द्वारा वर्ष 2021-22 को शून्य स्थानांतरण सत्र घोषित कर दिया गया था,जिसके कारण प्रत्येक संवर्ग में किये गये 10 प्रतिशत और चुनाव आचार संहिता के कारण फरवरी 2021 में हुए आवश्यक स्थानांतरणों को भी रद्द कर दिया गया था!,लेकिन वर्तमान में भारी बारिश के दौरान जब जगह-जगह सड़कें और पुल टूट रहे हैं और सड़कों पर भारी भूस्खलन से मलबा आने के कारण दर्जनों सड़कें बन्द हैं!इन आपदा जैसे हालातों में कुछ दिन पहले लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंताओं के बड़े पैमाने पर स्थानांतरणों और फिर उनमें हुए संशोधनों ने धामी सरकार की नीयत पर बड़े सवाल खड़े कर दिये हैं!

इन तबादलों में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा 2022 विधानसभा चुनाव से पहले अभियंताओं से मोटी वसूली कर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार करने की बातें सामने आ रही है!दरअसल विगत 31 अगस्त को पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव आर .के सुधांशु द्वारा जारी आदेश में दर्जनों अधिशासी अभियंताओं को इधर से उधर किया गया,उदाहरण के तौर पर निर्माण खंड पौड़ी के अधिशासी अभियंता प्रत्युष कुमार को ऋषिकेश अस्थाई खंड,अधिशासी अभियंता लोनिवि लक्सर प्रवीण बहुखंडी को मुख्य अभियंता कार्यालय पौड़ी,आरिफ़ खान अधिशाषी अभियंता निर्माण खंड लोनिवि नरेंद्र नगर को राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोहाघाट,आदि जैसे दर्जनों स्थानांतरण शामिल थे,लेकिन ठीक एक हफ्ते बाद अर्थात 7 सितंबर को प्रमुख सचिव लोनिवि आर.के.सुधांशु ने अपने ही आदेशों में भारी उलटफेर कर दिया,जिसमें अधिशासी अभियंता निर्माण खंड पौड़ी प्रत्यूष कुमार, जिन्हें अस्थाई खंड लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश भेजा गया था को निर्माण खंड पौड़ी वापस बुला लिया गया,!प्रवीण बहुखंडी जिन्हें अधिशासी अभियन्ता सिविल खंड लक्सर से क्षेत्रीय मुख्य अभियंता कार्यालय पौड़ी में तैनात किया गया था, को प्रान्तीय खण्ड लोनिवि गोपेश्वर तैनात का दिया गया!जैसे हैरतअंगेज प्रकरण भी हैं! इसी तरह कई अन्य अधिशाषी अभियंताओं के स्थानांतरण आदेश को संशोधित कर या तो पुराने स्थान पर ही रोक दिया गया या अभियन्ता की पसंदीदा जगह पर तैनाती दे दी गयी!जागो उत्तराखंड को लोनिवि के सूत्रों के हवाले से जानकारी प्राप्त हुयी है कि ,यह सारा खेल मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर किया गया और इसमें लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज की कोई सहमति नहीं थी! बाद में महाराज ने इस घटनाक्रम पर हो-हल्ला मचाया तो उनकी माँग पर कुछ अधिशासी अभियंताओं को उनकी इच्छा के हिसाब से तैनाती दे दी गयी।इस सारे खेल में अधिशाषी अभियंता को पसंदीदा जगह या स्थानांतरण रद्द करने के ऐवज में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा अधिशाषी अभियंताओं से 20-20 लाख रुपए तक की वसूली किये जाने की खबरें प्राप्त हो रही हैं! कुछ अधिशासी अभियंता दबी जुबान इस बात को स्वीकार भी कर रहे हैं,लेकिन खुलकर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है,आखिकार पानी में रहकर मगर से बैर कौन लेगा?लेकिन धामी सरकार द्वारा शून्य स्थानांतरण सत्र में आपदा जैसे हालातों में लोनिवि के अधिशाषी अभियंताओं के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण और हफ्ते बाद ही उनमें संशोधन!उसकी नीयत पर सवाल खड़े करने को काफ़ी है।आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आशुतोष नेगी ने नवनियुक्त राज्यपाल से मुख्यमंत्री कार्यालय के इस बड़े भ्रष्टाचार की जाँच करवाकर दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की माँग की है।

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