कई लोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेते है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोन लेने के बाद किसी कारणवश मौत हो जाती है। तो इस स्थिति में बैंक को क्या करना चाहिए।
दरअसल यदि आप कोई लोन लेते है चाहे वह होम लोन हो, पर्सनल लोन हो या टैक्स लोन हो। सभी प्रकार के लोन लेते समय आपको कुछ गारंटी देती पड़ती है।
यदि किसी कारणवश इस बीच लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो बैंक उसके उत्तराधिकारी या उसके परिवार से कर्ज वसूल करती है।
लेकिन एक ऐसा तरीका है कि लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी उसके परिवार वालो को लोन नहीं चुकाना पड़ेगा। जिसके लिए लोन लेते समय इसका बीमा कराना होगा।
ऐसा तब होता है कर्ज लेने वाले की किसी वजह से मौत हो जाती है फिर बैंक प्रीमियम से बची हुई राशि वसूल की जाती है। जिससे कर्ज लेने वाले परिवार को पैसे चुकाने की जरूरत नहीं है।
जब किसी व्यक्ति ने क्रेडिट कार्ड लोन या पर्सनल लोन लिया हो। फिर बैंक परिवार वालों से वसूली नहीं कर सकता। ऐसे लोन असुरक्षित लोन है। जिसकी भरपाई नहीं हो पाती है। बैंक इसे एनपीए घोषित कर देता है।