लोनिवि बैजरो खण्ड के साजिशन बन्द किये जाने की सम्भावना के चलते आन्दोलन..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता गढ़वाल के एक आदेश से पौड़ी जनपद के बैजरो खण्ड के जीवित बने रहने पर सवालिया निशान लग गये हैं,दरअसल उनके आदेश के तहत लोक निर्माण विभाग के विभिन्न खण्डों को विधानसभा वार कार्य विभाजित किये जा रहे हैं,इसी वजह से लोनिवि खण्ड बैजरो से काफी सड़कें छीनकर लैन्सडाउन और श्रीनगर खण्ड को दे दी गयी हैं, जिससे बैजरो खण्ड के पास बहुत कम काम रह गया है और सम्भावना है कि बाद में काम की अनुपलब्धता का बहाना बनाकर इस खण्ड पर हमेशा के लिये ताले लग जायें
इस खण्ड से जुड़े ठेकेदारों के आरोप है कि श्रीनगर विधानसभा के विधायक और उच्च शिक्षा मन्त्री धन सिंह रावत और लैन्सडाउन विधानसभा के विधायक दिलीप रावत द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ देने की मंशा से बैजरो खण्ड के साथ ये साजिश रची गयी है,इस क्षेत्र में काफ़ी ज्यादा लोग रोजगार के लिये ठेकेदारी पर निर्भर हैं, ऐसे में ये ठेकेदार अब आन्दोलन की राह पर हैं और अपने विधायक और पर्यटन मन्त्री सतपाल महाराज के माध्यम से सचिव लोक निर्माण विभाग से जल्द इस मामले में मिलने का मन बना रहे हैं
फिलहाल बैजरो खण्ड में ठेकेदारों का खण्ड को पूर्व में आबंटित सड़के वापस दिलाने तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है,उधर इस खण्ड के अधिशाषी अभियन्ता आदर्श गोपाल ने “जागो उत्तराखण्ड” से बातचीत में स्वीकार किया कि खण्ड से काम छिनने से खण्ड के अन्तर्गत कार्यरत ठेकेदारों से काम लेने व सड़कों को तत्काल प्रभाव से मरम्मत और निर्माण करने में परेशानी पेश आना अवश्यम्भावी है
उधर मानसून मैराथन के अवसर पर पौड़ी पहुंचे कृषि मंत्री और जनपद के प्रभारी मन्त्री सुबोध उनियाल ने “जागो उत्तराखण्ड”के बैजरो खण्ड में चल रहे आन्दोलन के बारे में पूछे जाने पर खण्ड में चल रहे आन्दोलन को खण्ड के ठेकेदारों और अधिशाषी अभियन्ता की कार्यकुशलता से जोड़ एक नयी बहस को जन्म दे दिया है,फ़िलहाल इतना तो साफ़ हो गया है कि उत्तराखण्ड के अधिकतर मन्त्री और विधायक परोक्ष रूप से ठेकेदारी ही कर रहे हैं और जनता के लिये उनकी इस “ठेकेदारी” से अगर रोज़गार का संकट पैदा हो जाये तो उनपर कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
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