दैवीय तत्वों से जुड़े तथ्य..
ब्रह्मांड में मौजूद गणपति, श्रीराम, हनुमान, शिव, श्रीदुर्गा, दत्त भगवान और कृष्ण की शक्तियां सात रंगों से जुड़ी हैं। इसी तरह शरीर के सात चक्र सात रंगों और सात देवताओं से जुड़े हैं। रंग पंचमी मनाने का अर्थ है, रंगों से दैवीय शक्ति जागृत करना। इस तरह सभी देवताओं के तत्व शरीर में होने से आध्यात्मिक नजरिये से साधना पूरी मानी जाती है। इन रंगों के जरीये देव तत्व को महसूस करना ही रंग पंचमी पर्व का हासिल है। इसके लिए रंगों का इस्तेमाल दो तरह से करते हैं। इनमें पहला है, हवा में रंग उड़ाना एवं दूसरा, पानी से एक-दूसरे पर रंग डालना।
जानिए रंग पंचमी का महत्व ..
रंग पंचमी के दिन अबीर और गुलाल को आसमान की ओर फेंका जाता है। ये गुलाल उस दिन देवी देवताओं को अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि रंग बिरंगे गुलाल की खूबसूरती देखकर देवता काफी प्रसन्न होते हैं और इससे पूरा वातावरण सकारात्मक हो जाता है। ऐसे में आसमान में फेंका गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो इससे व्यक्ति के तामसिक और राजसिक गुणों का नाश होता है, उसके भीतर की नकारात्मकता का अंत होता है और सात्विक गुणों में वृद्धि होती है।