आराकोट आपदा के जख्मों को भरने में जुटा सरकारी अमला..
भगवान सिंह,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांवों की लाइफ लाइन आराकोट-चिंवा सड़क मार्ग के साथ ही पैदल रास्तों को बहाल करना पहली प्राथमिकता है, ताकि आपदा से पीड़ित लोगों के लिए आवागमन सुचारू करने साथ ही जीवन यापन के लिए जरुरी सामान भेजा जा सके
यह बात मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य ने आपदा पुनः निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग के दौरान कही, मुख्य विकास अधिकारी आर्य ने आपदा घटित होने के छठे दिन प्रातः 7 बजे से ही सड़क पुनः निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग कर कार्यदायी संस्थाओं को जरूर दिशा निर्देश दिये
मुख्य विकास अधिकारी ने मलाना, मोलडी टीकोची, डगोली के पीडित गांव का पैदल चलकर हालात का जायजा लिया व पीड़ित परिवारों को अधिक से अधिक सहायता दिलाने का भरोसा दिया,मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि आराकोट सड़क मार्ग के साथ ही आंतरिक सड़कों को भी शीघ्र सुचारू कर दिया जायेगा
इसके लिए पर्याप्त मशीनरी काम पर लगी हुई है उन्होंने अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि जहां स्थाई पुल बह गए हैं वहां वैकल्पिक व्यवस्था के लिए ट्राली लगाना सुनिश्चित करें,आपदा घटित होने के छठे दिन शुक्रवार को बेस कैंप आरकोट से हैली के माध्यम से प्रभावित गांव में रसद सामग्री भिजवाई गई तथा प्रातः 7:00 वन विभाग कार्मिकों व मजदूरों के द्वारा भी रसद सामग्री प्रभावित गांवों के लिए पहुंचाई गयी
अधीक्षणअभियंता राष्टीय राजमार्ग, राजेश शर्मा के निर्देशन में राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशाषी अभियन्ता धीरेंद्र सिंह और लोनिवि चिन्यालीसौड़ के अधिशाषी अभियंता सुरेश तोमर युध्दस्तर पर आराकोट,चिंवा मोटर मार्ग पर 4 पोकलैंड, 5 जेसीबी, 4 ट्रक,4 ट्रेक्टर, 2 कैंपर, 5 कंप्रेशर व 148 मजदूरों के साथ सड़क को यातायात के लिये ठीक करने के लिये युध्दस्तर पर जुटे हैं
इसके अतिरिक्त उप जिलाधिकारी पुरोला अनुराग, परियोजना अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, जिला पूर्ति अधिकारी गोपाल मटूड़ा , मुख्य कृषि अधिकारी महिधर सिंह तोमर पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री , एआरटीओ चक्रपाणी मिश्र, जिला पूर्ति अधिकारी गोपाल सिंह मटूड़ा,समन्वयक शार्दुल गुसाईं सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी आपदा के जख्मों को भरने में युध्दस्तर पर जुटे हैं।