नगरपालिका द्वारा आयोजित कंडोलिया ट्रेड फेयर पौड़ी के व्यापारियों के कटे पर नमक का छिड़काव!
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
जहां एक तरफ पौड़ी के व्यापारी उत्तराखण्ड बनने के बाद से ही मण्डलीय कार्यालयों के पलायन और समाज के आर्थिक रूप से सम्पन्न व सक्षम लोगों के परिवारों के अपने बच्चों को पढ़ाने व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये देहरादून सेटल करने की वजह से बाज़ार में ग्राहकों की कमी की मार झेल रहे हैं,वंही ऊपर से कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति और ज्यादा ख़राब होने के कारण ग्राहकों की जेब में खरीददारी के लिये पैसा न होने का खामियाज़ा भी पौड़ी के व्यापारी भुगत रहे है,इसी दौरान नगरपालिका पौड़ी द्वारा कंडोलिया में आयोजित ट्रेड फेयर स्थानीय व्यापारियों के जख्मों पर कटे पर नमक का काम कर रहा है,आखिरकार नगरपालिका ऐसा कर क्या जताना चाहती है,ये पौड़ी के व्यापारी की समझ से परे है!एक दूसरा पहलू ये भी है कि इसी नगरपालिका की कारगुजारियों की वजह से पौड़ी के मुख्य बाजारों में बनी पब्लिक पार्किंग भी रसूखदारों के कब्जे से पर्सनल पार्किंग बन चुकी है और कंही तो पब्लिक पार्किंग को ही रेस्तरां आदि में तब्दील कर पालिका अपने पैसे की हवस को पूरा करते हुये नंगी आँखों से भी साफ़ दिखायी पड़ती है! जिस वजह से पौड़ी के बाजारों में आने वाले हर व्यक्ति को अपने वाहन पार्क करने के लिये रोज़ जद्दोजहद करनी पड़ती है,इसका सीधा असर भी पौड़ी के व्यापारी पर ही पड़ रहा है,क्योंकि पर्यटक हो या स्थानीय बाशिन्दा,इसी वजह से शहर के मुख्य बाज़ार में आना ही नहीं चाहता और एक दिन वो फिर इन सारे झंझटों से मुक्ति पाने हेतु पलायन को मजबूर हो जाता है,जिसका बुरा असर यहां के समस्त व्यवसाय पर पड़ना लाजिमी है,नगरपालिका पौड़ी द्वारा पौड़ी के कंडोलिया मैदान पर 15 दिवसीय होली मेले में स्थानीय व्यापारियों को दरकिनार कर नजीबाबाद, सहारनपुर, बिजनौर के व्यापारियों को खुली छूट देकर नगरपालिका ने पौड़ी के व्यापारियों के जख्मों पर कटे पर नमक छिड़कने का काम ही किया है! जिससे पौड़ी मुख्यालय के सभी बाजारों में आजकल जनता कर्फ्यू और लाकडाउन जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं,इस मेले में दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी नियम की भी जिस तरह से धज्जियां उड़ाई जा रही हैं,वो भी आयोजनकर्ता नगरपालिका और मूकदर्शक बनी जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है!फिलहाल पौड़ी के वर्तमान हालात पर एक ही मुहावरा फ़िट बैठ रहा है अंधेर नगरी चौपट राजा!