उत्तराखंड के युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। हर रोज किसी न किसी के सफलताओं की खबरें सामने आती हैं। उत्तराखंड के युवाओं कि सफलता हासिल करने के सफर में एक खासियत ऐसी है जो एक दूसरे से मेल खाती है। वह है सेल्फ स्टडी। व्यक्ति में आत्मविश्वास और लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प हो तो वह हर बाधा और कठिनाइयों को पार कर अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है।
सफलता कि एक कहानी सामने आई है उत्तराखंड में चम्पावत जिले के बाराकोट क्षेत्र के पम्दा गांव में रहने वाली श्वेता जोशी कि। श्वेता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय जालंधर से प्राप्त किया। और दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान से BSc आनर्स की पढ़ाई कर रही हैं। श्वेता के पिता का नाम दिनेश चंद्र जोशी है और वह BSF में मेजर हैं। और श्वेता कि माता चित्रा जोशी एक कुशल गृहणी हैं।
श्वेता ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) कि परीक्षा उत्तीर्ण की है। श्वेता ने अपनी कड़ी मेहनत से यह सफलता हासिल कि है। परिवार के साथ साथ पूरे राज्य को श्वेता पर गर्व है। UKPSC कि परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ ही श्वेता का चयन डिप्टी जेलर के पद पर किया गया है। बता दें कि इस से पहले भी श्वेता का चयन वन दरोगा के पद पर हो चुका है। श्वेता ने अपने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, मौसा मुकेश जोशी और गुरूजनों को दिया है। बिना किसी कोचिंग के सिर्फ सेल्फ स्टडी से श्वेता ने यह परीक्षा उत्तीर्ण किया है। पूरे राज्य को श्वेता पर गर्व है।