“लोकल” के लिये “वोकल” की बात कह मोदी चले हरदा के नक्शे कदम !
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का उनके भाषणों और सोशल मीडिया पर रात दिन पूरा जोर कभी काफल,कभी ककड़ी,कभी मंडुवा,कभी झंगोरे की खीर कभी चेंसू का साग,कभी काले भट्ट के डुबके,कभी गेठी के गुटके ,कभी मडुवे की रोटी जैसे पहाड़ी भोजन के प्रचार -प्रसार पर ही होता रहा है,अब पीएम मोदी ने भी अपने भाषण में लोकल और वोकल के प्रयोग पर जोर दिया है,शायद उन्हें भी समझ आ गया है कि पलायन को रोकने के लिये इस बिज़नेस कॉन्सेप्ट पर काम करना जरूरी है!लोग स्थानीय खेती की तरफ रुचि दिखाये और सरकार भी उनकी मदद करे,पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा है कि “आज से हर भारतीय को अपने लोकल के लिए वोकल होना होगा” उसे न केवल लोकल चीजें खरीदने में रुचि दिखानी होगी बल्कि गर्व से उसे बढ़ावा देने के लिए भी मुखर होना होगा,उन्होंने कहा है कि “वैश्विक ब्रांड भी कभी इसी तरह लोकल थे”लेकिन जब लोगों ने उनका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और वे उन्हें बढ़ावा देने लगे,उनकी ब्रांडिंग करने लगे और उन पर गर्व महसूस करने लगे तो ये “लोकल प्रोडक्ट” से “वैश्विक प्रोडक्ट” बन गये,पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि देश ऐसा कर सकता है!हरीश रावत लोकल प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करते हैं,शायद मोदी जी को भी ये बात समझ आयी है और उन्होंने अपने भाषण में इस बात पर जोर दे डाला,हरीश रावत ने चुटकी लेते हुये कहा आख़िर देर आये दुरस्त आये,मोदी जी को आखिरकार कांग्रेस की बातों को सुनना ही पड़ा!हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी को लोग रोज कोई न कोई सुझाव,अपने ट्वीट के माध्यम से भी दे सकते हैं, जो इस समय निश्चित रूप से कारगार साबित होंगे।