पहले समलैंगिक सम्बन्ध,फिर ब्लैकमेलिंग और फिर सुपारी किलर से मिलकर हत्या…
देवभूमि उतराखण्ड को कलंकित करने वाले हत्याकाण्ड का श्रीनगर पुलिस ने खुलासा किया है , बीती 29 जनवरी को श्रीनगर मे 28 साल के एक युवक की बाॅडी बीच बाजार मे जीएनटीआई मैदान मे बन्द बोरे मे मिली थी, जिसे कुत्ते व सुअंर खा रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात बाॅडी की शिनाख्त शुरू की पुलिस ने मृतक के क्षतिग्रस्त चेहरे द्वारा कम्प्यूटर से मिलती जुलती तस्वीर बनाकर प्रदेश के सभी थानों मे भेज दी, 1 फरवरी को हरिद्वार जिले के मगंलौर थाने से बाॅडी की शिनाख्त हुई और मृतक के परिजन श्रीनगर पहुंचे, जिन्होने पुलिस को मृतक का नाम अनीष बताया और परिजनों ने हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने तहकीकात शुरू कर दी,परिजनों से मिले मृतक अनीष के मोबाइल पर हुई काॅल डिटेल खगांली तो मुजफ्फरनगर निवासी हाजी शागिर अहमद की अन्तिम काॅल मिली, जिसके बाद पुलिस ने हाजी अहमद से पूछताछ की तो उसने तीन दिन की पूछताछ के बाद बताया कि उसने मुजफ्फरनगर के दो लोगों को मे अनीष को मारने के लिए 30 हजार रूपये सुपारी दी थी, हत्या की क्या वजह थी जब इसकी तहकीकात हुई तो वजह सुनकर सब दंग रह गये, हत्या की वजह समलैगिंक सम्बध थे, तहकीकात मे पता चला कि हाजी शागिर अहमद व मृतक अनीष के बीच समलैंगिक थे और अनीष सम्बन्धों के विडियो को सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देकर हाजी शागिर अहमद को 4 महीनों से ब्लैकमेल कर रहा था,खुद हाजी शागिर अहमद बताता है, कि वह ब्लैकमेलिंग से परेशान था और वो दो बार 20-20 हजार अनीष को दे चुका था, लेकिन अब वह 5 लाख की रकम मांग रहा था, जिससे तंग होकर उसने मुजफ्फरनगर से दो लोगों बहादुर व सरफराज को 30 हजार की सुपारी दी व 29 फरवरी को श्रीनगर के मनोचा होटल मे अनीष का हत्या करवा दी और अनीष की सारी पहचान खत्म कर दी, हत्यारे बहादुर ने बताया कि तीनों लोगों ने अनीष के गले मे फन्दा डालकर उसका दम घोटा और उसको बोरे मे भरकर जीएनटीआई मैदान मे फेंक दिया, छत-विछित अज्ञात शव की तहक़ीक़ात करना आसान नहीं था, लेकिन पुलिस ने 5 अलग अलग टीमे बनाई व एक सप्ताह मे ही पूरे हत्याकाण्ड का खुलासा कर दिया, पुलिस ने श्रीनगर के व्यापारी हाजी शागिर अहमद को उसके घर से गिरफतार कर, तीन दिन तक मुजफ्फरनगर मे दोनो पैसे लेकर हत्या करने वाले आरोपियों के घर पर दबिश दी, जिसमे घर से फरार दोनो आरोपियों मे से बहादुर को गिरफ्तार करने मे पुलिस सफल हुई और तीसरा आरोपी सरफराज अभी भी फरार है पुलिस ने दोनो आरोपियों को धारा 302 और 201 के तहत जेल भेज दिया है, देवभूमि उतराखण्ड की शान्त वादियों व पहाड़ की गोद मे बसे श्रीनगर मे शातिर तरीके से हत्या व पहचान को खत्म करने के बाद आरोपियों को लगा कि वे आजाद घूम सकेगें, लेकिन अब हत्याकाण्ड के खुलासे के बाद साफ हो गया है, कि हत्यारा कितना भी शातिर क्योँ न हो कानून की नजर से बच नही सकता…