ऋषिकेश ऐम्स के पास ढाबा चला तीन बेटियाँ पढ़ा,पौड़ी की सुनीता “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” नारे को कर रही चरितार्थ!

0
623

ऋषिकेश ऐम्स के पास ढाबा चला तीन बेटियाँ पढ़ा,पौड़ी की सुनीता “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” नारे को कर रही चरितार्थ!
जागो ब्यूरो विशेष:

सरकार ने भले ही “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” नारा देकर समाज को यह संदेश दिया हो कि बेटियों को पढ़ा कर ही बेटियों को बचाया जा सकता है,लेकिन हकीकत यह है कि हमारे समाज में महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए आज भी बेहिसाब संघर्ष करना पड़ रहा है और बेटियों को पढ़ाना इतना आसान भी नहीं है,खासतौर पर गरीब तबके के उन लोगों के लिए जिन के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो,ऋषिकेश ऐम्स जाने वाली सड़क के किनारे कई साल पहले पौड़ी से ब्याह कर ऋषिकेश आई सुनीता इस नारे को हक़ीक़त का अमली जामा पहना रही है,सुनीता की तीन बेटियां हैं,जिनमें से दो गणित विषय से नवीं कक्षा की पढ़ाई कर रही हैं और एक बिटिया चौथी की छात्रा है,सुनीता के पति हरिद्वार में रेलवे स्टेशन के पास एक छोटी सी दुकान चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करने का प्रयास करते हैं,तो सुनीता सुबह सात बजे से लेकर रात नौ बजे तक एम्स के पास अपना ढाबा चलाकर अपनी बच्चियों की पढ़ाई का खर्चा निकाल रही है,नवीं में पढ़ने वाली दोनों बेटियाँ भी हालातों को समझते हुये अपनी माँ की पूरी मदद करती हैं,सुनीता के ढाबे में केवल ₹50 में बेहतरीन शुध्द शाकाहारी खाना मिल जाता है,जिसमें दाल, चावल,रोटी, ,पराठे,सब्जी आदि शामिल होती है, जबकि आस-पास के रेस्टॉरेन्टस में रोटी की कीमत भी ₹15 का आसमान पहुंच रही है,ऐसे में पहाड़ी इलाकों से अपना इलाज करवाने ऐम्स पहुँचे ग़रीब और सामान्य तबके के लोगों के लिये सुनीता और साथ में लगे कुछ और ढाबे जिन्हें भी मुख्यतः महिलाएँ ही चला रही हैं काफ़ी राहत देते हैं,सरकारी की बात करें तो उससे इन मेहनतकश महिलाओं को कोई मदद तो नहीं मिलती अलबत्ता नेताजी की बड़ी गाड़ी के हूटर बजते हुये इस सड़क से गुजरने पर पुलिस इन ढाबों को बंद जरूर करवा देती है!जो सरकार की कथनी और करनी में ज़मीन -आसमान के अंतर के कड़वे यथार्थ को सामने ले आती है “जागो उत्तराखण्ड” सुनीता के संघर्ष के जज़्बे को सलाम करते हुये सुनीता और उस जैसी अनगिनत मेहनतकश माताओं-बहनों की खुशहाली की दुआ करता है ,जो” बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ”के नारे को वाक़ई में हक़ीक़त का अमली जामा पहना रही हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here