देहरादून । उत्तराखंड रोडवेज एंप्लाइज यूनियन के निष्कासित चालक, परिचालक की बहाली और 7 महीने के रुके हुए वेतन दिलाए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल 22 अक्टूबर से रोडवेज के सभी डिपो पर धरना प्रदर्शन करेगा। यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड क्रांति दल के शिव प्रसाद सेमवाल ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि यदि 21 अक्टूबर शाम तक रोडवेज के निष्कासित कर्मचारियों के हित में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता तो कल रोडवेज के इन्हीं कर्मचारियों के साथ सभी डिपो पर उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता एक साथ धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे।
प्रेस वार्ता में उत्तराखंड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि सरकार इतनी असंवेदनशील हो गई है कि कर्मचारियों के हित में हाईकोर्ट के आदेशों का भी अनुपालन नहीं कर रही है। यह सरासर हाई कोर्ट की अवमानना है। गौरतलब है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में रोडवेज के निष्कासित कर्मचारियों को तत्काल सेवा में रखने तथा उनका वेतन देने के साथ-साथ उनसे किसी तरीके का बॉन्ड न कराए जाने के लिए भी आदेश दिया है, किंतु सरकार कर्मचारियों के हित में हाईकोर्ट की बात मानने के बजाय डबल बेंच में जाने की बात कह रही है। यहां तक कि सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का भी मन बना चुकी है। गौरतलब है कि निकाले गए यह सभी कर्मचारी लगभग एक दशक से रोडवेज में कार्यरत हैं तथा उत्तराखंड के ही मूल निवासी हैं। उत्तराखंड क्रांति दल में साफ अल्टीमेटम दिया है कि यदि उत्तराखंड के मूल निवासी तथा स्थाई निवासी कर्मचारियों के हित के खिलाफ सरकार ने कोई भी कदम उठाया तो उत्तराखंड क्रांति दल किसी भी हद तक जा सकता है और इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होग।