उत्तराखंड में धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने विधानसभा में उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाडिय़ों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2024 प्रस्तुत किया है। बताया जा रहा है कि ये विधेयक राज्य के अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक विजेताओं व हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस विधेयक के पास होने से खिलाड़ियों को सरकारी सेवाओं में रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाडिय़ों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2024 में कुशल खिलाड़ी ऐसे नागरिक को माना जाएगा, जिसका मूल अधिवास उत्तराखंड में है, परंतु अन्य उसने अन्य कहीं का कोई स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है। ऐसे खिलाड़ी, जिनका मूल अधिवास उत्तराखंड में नहीं है, लेकिन वर्ष 2001 या उस समय जारी किसी शासनादेश के तहत उत्तराखंड में स्थायी अधिवास का प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, वह इस दायरे में आएगा।
बताया जा रहा है कि विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि ओलंपिक खेल में पदक विजेता अथवा हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी को लेवल 10 या उससे निम्न पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। विश्वकप, विश्व चैंपियनशिप अथवा एशियन खेल के पद विजेता या हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी को लेवल आठ अथवा उससे निम्न लेवल के पदों पर आरक्षण मिलेगा। इस विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि लोक सेवाओं के दायरे में सरकारी विभाग, सहकारी समिति, बोर्ड या निगम, सरकार के नियंत्रण वाले कानूनी निकाय, सरकार के नियंत्रण वाले शिक्षण संस्था और विश्वविद्यालयों को लिया गया है।
राष्ट्रमंडल खेल अथवा एशियन चैंपियनशिप में पदक विजेता अथवा हिस्सा लेेने वालों को लेवल सात या उससे निम्न पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप व अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल में पदक विजेता अथवा भाग लेेन वालों को लेवल छह या उससे निम्न पदों पर आरक्षण मिलेगा। राष्ट्रीय खेल, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघों द्वारा आयोजित चैंपियनशिप, अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेल या खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पदक विजेताओं को लेवल पांच अथवा उनसे न्यून पदों पर आरक्षण दिया जाएगा।