पर्यटन व्यवसायियों ने सरकार से हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में चार-धाम यात्रा शुरू करने हेतु जल्द नियमावली बनाने की उठायी माँग..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
पर्यटन प्रदेश उत्तराखण्ड की बड़ी आबादी की आर्थिकी की रीढ़-रज्जु चार-धाम यात्रा शुरू होने पर कोविड संक्रमण को रोकने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड सरकार के ब्यूरोक्रेट्स द्वारा अभी तक नियमावली न बना पाने के कारण,नैनीताल हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर 22 जून तक रोक लगा दी है,मोटी तनख्वाह ,सरकारी भत्ते व सुख-सुविधाओं के मजे लूट रहे सरकार के पर्यटन विशेषज्ञों और बेरोक्रेट्स की हीलाहवाली का यही आलम रहा तो चार-धाम यात्रा शुरू न होने से लाखों लोगों के लिये रोजी रोटी का संकट पैदा हो जायेगा!वैसे भी लगातार दो सालों से कोरोना महामारी ने उत्तराखण्ड के पर्यटन व्यवसाय की कमर तोड़ कर रख दी है।उत्तरकाशी के होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र मटूड़ा ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने चार-धाम यात्रा पर माननीय हाईकोर्ट में पर्यटन कारोबारियों के हितों को मजबूती से नहीं रखा,जिस वजह से माननीय हाईकोर्ट ने चार-धाम यात्रा पर रोक लगा दी है,उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा भी यात्रा अभी शुरू न करवाने की है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है पर्यटन प्रदेश में सरकार के पास पर्यटन की कोई पुख़्ता सोच नहीं है,जबकि पर्यटन से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी है और पर्यटन से ही उत्तराखण्ड की जनता को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है,लेकिन सरकार अभी तक सोयी हुई है और उसने यात्रा चालू करने हेतु अभी तक कोई नियमावली ही नहीं बनायी!जबकि हिमाचल प्रदेश,जम्मू- कश्मीर,गोवा,केरल में पर्यटन खुल गया है,उन्होंने सरकार से अब और ज्यादा लेटलतीफी न करते हुये अब जल्दी से जल्दी चार-धाम यात्रा शुरू करवाने की माँग की है।