पौड़ी के प्रमोद खण्डूरी और कुलदीप गुसाईं का एकीकृत कृषि मॉडल..
अम्बेश पन्त,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
पौड़ी जिले के कंडारा में प्रमोद खण्डूरी,जो कि मूलतःएक पत्रकार हैं और कुलदीप गुसाईं जो के एक व्यवसायी हैं, का एकीकृत कृषि मॉडल पूरे जिले के लिए एक मिसाल बनता जा रहा है ,आपको बता दें कि जनपद मुख्यालय पौड़ी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कंडारा में लगभग 22 वर्षो से बंजर पड़ी जमीन को आबाद करके इन दोनों मेहनतकश युवाओं द्वारा एक मिशाल पेश की गयी है,यहाँ मुर्गी पालन,मत्स्य पालन एवं औद्यानिकी का कार्य एकीकृत रूप से एक ही फार्म में किया जाता है,जहाँ एक तरफ सरकार पलायन रोकने एवं विज्ञापन पर करोड़ो रूपये खर्च करके भी पलायन रोकने में नाकाम रही है,वहीं इन लोगो द्वारा सीमित संसाधनों के बाबजूद इलाके के लगभग 150 परिवारों को पलायन करने से रोका गया है,इसके लिये सबसे पहले इन्होंने एक समिति बनाकर स्थानीय महिलाओं को सिलाई-बुनाई का प्रक्षिक्षण देकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाया और बाद में कुलदीप गुसाईं ने गाँव में ही अँग्रेजी माध्यम का एक अच्छा स्कूल भी खोल दिया,जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा देने को ग्रामीणों को गाँव से पलायन न करना पड़े,मूलतः पत्रकार उनके सहयोगी प्रमोद खण्डूड़ी बताते हैं कि एकीकृत कृषि मॉडल किसान के लिये काफ़ी बेहतर होता है, क्योंकि कई बार सब्जी और फल उत्पादन पर मौसम या बाज़ार की परिस्थिति की मार किसान को फायदा नहीं दे पाती ,ऐसे में गौ पालन,मत्स्य पालन और कुक्कुट पालन आदि विकल्प किसान को आर्थिक रूप से फ़ायदा पहुँचा कर किसान को आर्थिक रूप से टूटने नहीं देते,उन्होंने बताता हालाँकि किसानों की मदद के लिये सरकार की तमाम तरह की योजनाएं हैं,लेकिन कई बार फील्ड कर्मचारियों की कमी के कारण योजनाओं का लाभ किसानों तक नहीं पहुँच पाता,ऐसे में किसान को स्वयं भी विपरीत हालातों में काम करने का हौसला बनाये रखना होगा,धरती आपकी मेहनत को जाया नहीं होने देगी और आपको अपनी मेहनत का बेहतर आर्थिक लाभ देर-सवेर मिलना तय है।