पौड़ी की महिला किसान सविता रावत ने अकेले दम पर एकीकृत जैविक उद्यान विकसित कर पेश की मिशाल..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
पौड़ी शहर के नजदीक सत्याखाल के पास सिरोली गाँव में आधुनिक तकनीकी से सेब की खेती की जा रही है ,जिसको अंजाम दे रही है,महिला किसान सविता रावत,पेशे से डॉक्टर सविता पिछले कई वर्षों से देश की राजधानी दिल्ली में कार्यरत थी,लेकिन सविता का पहाड़ प्रेम उनको पहाड़ वापस ले आया और उन्होंने गाँव आकर जमीन खरीदी और उस पर काम करना शुरू कर दिया,उनके पास कगभग तीस नाली जमीन है जिसके कुछ हिस्से पर उन्होंने सेब के पेड़ लगाये हैं,सेब के ये पेड़ ड्वार्फ व स्फर प्रजाति के हैं,जो महज दो वर्ष में ही फल देने लग गये हैं, सेब की खेती के साथ साथ सविता रावत जैविक सब्जी का भी उत्पादन कर रही है,उनका मकसद उत्तराखण्ड के जैविक उत्पादों को देश के बड़े शहरों तक पहुंचाना है ,जिला उद्यान अधिकारी पौड़ी डॉ नरेंद्र कुमार ने”जागो उत्तराखण्ड” को बताया कि इस प्रजाति के पेड़ लगभग दो साल में ही फल देना शुरू कर देते हैं,उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी पौड़ी धीराज गर्ब्याल के निर्देशन में पौड़ी में ऐसे ही नौ उद्यान लगाए गए हैं,जिनको लगाने के लिये मंडी हिमांचल प्रदेश के गार्डनर से तकनीकी सहयोग लिया गया है, भविष्य में सेब के इन बगीचों की संख्या बढ़ाने का भी लक्ष्य है,साथ ही अखरोट और अन्य फलों के उद्यानों को भी समानांतर रूप से विकसित करने की योजना है,सविता रावत ने पाँच सौ वर्गमीटर भूमि पर पॉलीहाउस भी लगाये हैं, जिसमे मटर,स्ट्रावेरी और लैट्यूस का अच्छा उत्पादन हो रहा है ,सविता रावत स्थानीय बेरोजगारों के साथ ही उन लोगो के लिए भी प्रेरणास्रोत है जो आजीविका कमाने के लिए उत्तराखण्ड छोड़कर पलायन कर चुके थे और अब कोविड-19 महामारी के चलते पुनः उत्तराखण्ड वापसी कर रहे हैं।