“जागो उत्तराखण्ड”की ख़बर का असर:हिमांचल प्रदेश से उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर निर्बन्धित खनन सामग्री की निकासी के आरोप में रेंजर पूजा रावल को पद से हटाया गया..

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“जागो उत्तराखण्ड”की ख़बर का असर:हिमांचल प्रदेश से उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर निर्बन्धित खनन सामग्री की निकासी के आरोप में रेंजर पूजा रावल को पद से हटाया गया..

गौरव तिवारी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

“जागो उत्तराखण्ड”की खबर का एक बार फ़िर बड़ा असर हुआ है,हिमांचल प्रदेश से उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर निर्बन्धित खनन सामग्री की निकासी के आरोप में कालसी वन प्रभाग की तिमली रेंज की रेंजर पूजा रावल को पद से हटा दिया गया है।हिमांचल प्रदेश से विकासनगर के कुल्हाल बॉर्डर के रास्ते उत्तराखंड में आने वाले खनन सामग्री के वाहनों की निकासी में अनियमितता पाए जाने के आरोप में तिमली रेंजर पूजा रावल सहित तीन कर्मचारियों पर कार्यवाही हुई है,उन्हें पद से हटा दिया गया है,साथ ही उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के भी निर्देश दे दिए गए हैं। जिससे वन विभाग और खनन माफियाओं में हड़कम्प मचा हुआ है।आपको बता दें कि “जागो उत्तराखण्ड” काफी समय से वन विभाग के उच्च अधिकारियों से लगातार दूसरे राज्यों से निर्बन्धित और निर्धारित मात्रा से अधिक खनन सामग्री को लाने व विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से कम मात्रा की ट्रांजिट फीस काटने की शिकायत कर रहा था। इन्ही शिकायतों की जाँच हेतु 9 मई की रात को भागीरथी सर्किल की टीम को मौके पर जाँच के लिए भेजा गया,वाहनों की चेकिंग में 6 ऐसे वाहन पकड़े गए,जिनमें निकासी के समय कम मात्रा की ट्रांजिट फीस काटी गई थी। कई वाहन चालकों व मालिकों ने इस कार्यवाही की सूचना मिलते ही अपने वाहन हिमाचल प्रदेश में ही रोक लिए थे,जाँच टीम ने अपनी रिपोर्ट कंजर्वेटर धीरज पांडे को सौंपी,जिसके आधार पर अनियमितता की पुष्टि हुयी। इसी रिपोर्ट के आधार पर डीएफओ कालसी को तिमली रेंजर पूजा रावल व कुल्हाल चौकी पर तैनात तीन कर्मचारियों को तुरंत ड्यूटी से हटाने व अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गये हैं। आपको बता दें कि धीरज पांडे की गिनती उत्तराखण्ड के सबसे काबिल व ईमानदार भारतीय वन सेवा के अधिकारियों में होती है। जिससे इस मामले में ईमानदार और मिशाल देने वाली कार्यवाही की उम्मीद की जा सकती है।वन विभाग के अलावा अवैध खनन के इस गोरखधंधे में इसी इलाक़े में मौजूद थाना विकासनगर की कुल्हाल चौकी,वस्तु एवं सेवा कर विभाग की जीएसटी चौकी और परिवहन विभाग की चौकी की संलिप्तता भी साफ़ तौर पर दिखायी देती है। अब देखना होगा कि वन विभाग द्वारा अवैध खनन की निकासी में संलिप्त अपने अधिकारी/कर्मचारियों पर बड़ी कार्यवाही करने के बाद इन तीनों विभागों के आला अधिकारी इन चौकियों में तैनात जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करते हैं?क्योंकि निश्चित तौर पर इन चौकियों में तैनात अधिकारी भी इस गोरखधंधे पर प्रथम दृष्टया ही आँखे मूंदे दिखायी पड़ते हैं। “जागो उत्तराखंड” अवैध खनन के इस खेल पर अपनी पैनी नजर गड़ाये हुये है और जल्द पूरे प्रकरण से जुड़े अन्य खुलाशे लेकर आपके बीच आयेगा।

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