“जागो उत्तराखण्ड”की ख़बर का असर 18 साल बाद वाहन चलने लायक बन रही लैंसडाउन की एक सड़क..
भगवान सिंह,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
लैंसडाउन विधानसभा के अंतर्गत डेवडाली,कुठीधार और तिलसा गाँव को जोड़ने वाली सड़क पिछले 18 साल वाहन चलने लायक नहीं थी,”जागो उत्तराखण्ड” संवाददाता भगवान सिंह ने ,पिछले हफ्ते मौके पर जाकर स्थानीय लोगों की तकलीफों को जिम्मेदार व्यक्तियों के सामने रखा।जिसके बाद लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत और प्रान्तीय खण्ड लैंसडाउन के अधिशाषी अभियन्ता प्रेम सिंह बिष्ट ने ख़बर का संज्ञान लिया और अब सड़क को वाहन चलाने लायक बनाने का काम शुरू हो गया है,”जागो उत्तराखण्ड” भी जनहित में इस त्वरित कार्यवाही हेतु लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत और प्रान्तीय खण्ड लैंसडाउन के अधिशाषी अभियंता प्रेम सिंह बिष्ट का आभार प्रकट करता है।
ये था मामला..
18 साल से वाहन चलने लायक नहीं बन पायी लैंसडॉउन की एक सड़क!..
कहते हैं तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलतीं,आज हम आपको ऐसे ही एक सड़क की तस्वीर दिखाने जा रहे हैं,जो साल 2003 में कट चुकी थी,लेकिन आज तक यह सड़क पक्की नहीं हो सकी है!ऐसा तब है जब खुद प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री इसी जनपद से ताल्लुक रखते हैं! ग्रामीण आज भी इस सड़क पर डंडी-कंडी के जरिए अपनों को अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं,सड़क पर दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाना भी खतरे से खाली नहीं रहता है।हम बात कर रहे हैं पौड़ी जनपद की लैंसडाउन विधानसभा के जयहरीखाल ब्लॉक की डेवडाली,कुठीधार और तिलसा गाँव को जोड़ने वाली सड़क की,ये सड़क तो सड़क लगती ही नहीं है,देखरेख के अभाव के कारण सड़क पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आईं हैं,ये सड़क आसपास के करीब 12 गाँवों को जोड़ती है,इस सड़क का साल 2003 में कटिंग का काम भी पूरा हो गया था,लेकिन आज 18 साल बीत जाने के बाद भी सड़क पर डामरीकरण का काम नहीं हो सका है!स्थानीय लोगों का कहना है कि वो कई बार लोक निर्माण विभाग से गुहार लगा चुके हैं,साथ ही जन प्रतिनिधियों से भी अभी तक महज आश्वासन ही मिला है।लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम में सड़क जानलेवा हो जाती है,सड़क पक्की नहीं होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना कर रहे है।लोक निर्माण विभाग,लैंसडाउन के अधिशासी अभियन्ता प्रेम सिंह बिष्ट का कहना है कि विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने भी रोड के डामरीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा है,जल्द ही सड़क का डामरीकरण का काम शुरू कर दिया जायेगा।