बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही अब उत्तराखण्ड के चारों धामों के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु..

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बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही अब उत्तराखण्ड के चारों धामों के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु..

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

भू बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट विधि विधान से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने पूजा अर्चना के बाद ठीक छ: बजकर पन्द्रह मिनट पर कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए । कपाट खुलने के अवसर पर भगवान बदरीविशाल को शीतकाल के दौरान औढ़ाया गया घी से लेपित उन के कंबल का प्रसाद वितरित हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। इसी मूर्हत पर भविष्य बदरी मंदिर के भी कपाट खुल गए है। भविष्य बदरी का मंदिर जोशीमठ नीती मार्ग पर भविष्य बदरी गाँव में है।तड़के से ही बदरीनाथ के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई । सेना के बैंड की मधुर ध्वनि पर सिंह द्वार के सामने श्रद्धालु भजन गाकर कपाट खुलने के उत्सव को यादगार बना रहे थे। रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी विधिविधान से पूजा अर्चना के बाद कपाट खोले। रावल द्वारा स्त्री वेश धारण कर गर्भ गृह से सर्वप्रथम मां लक्ष्मी को परिक्रमा स्थल में लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया गया ।तदोपरांत उद्धव जी व कुबेर जी , करूड जी को गर्भ गृह में स्थापित किया गया। शंकराचार्य जी की गद्दी को मंदिर परिक्रमा स्थल पर विराजमान किया गया। कपाट खुलने के साक्षी बनने के लिए तड़के से ही सिंहद्वार से श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग गई थी। ठंड के बाद भी श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखा गया। बदरीनाथ धाम नारायण के जयकारों से गूंजायमान था। मंदिर में कपाट खोलने की प्रक्रिया के दौरान धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल सहित बेदपाठियों ने मंत्रोचारण किया। इस दौरान श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय , ज्योतिमठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अवमुक्तेश्वरानंद, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित कई विशिष्ट व्यक्तियों ने दर्शन किए ।कच्छ से पैदल यात्रा कर आए दर्शनों के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर ऐसे भी साधू संत दर्शनों के लिए आए थे जो मीलों पैदल चलकर यात्रा कर आए हैं। महंत श्री हरिदास जी महाराज, महंत कच्छी आश्रम, गुजरात के नेतृत्व में श्रद्धालु गौ रक्षा, विश्वशांति के संकल्प के साथ कच्छ, गुजरात से पदयात्रा करते हुए बद्रीनाथ धाम पहुंचे ,जिन्होंने कपाट खुलने के अवसर पर दर्शन किए।

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