गढ़वाली,कुमाऊँनी व जौनसारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषा में उच्चारण विभेद पर कार्यशाला..

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गढ़वाली,कुमाऊँनी व जौनसारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषा में उच्चारण विभेद पर कार्यशाला..

डॉ कुसुम भट्ट
संस्कृति और कला सम्पादक
जागो उत्तराखण्ड

उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्ली द्वारा विगत 2 व 3 अप्रैल 2022 को गढ़वाली,कुमाऊँनी व जौनसारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने तथा गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषा में उच्चारण विभेद पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया व एक सत्र में जौनसारी भाषा पर भी विचार विमर्श किया गया।पहले दिन के पहले सत्र में गढ़वाली,कुमाऊँनी और जौनसारी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिये ज्ञापन पर चर्चा हुयी। गढ़वाली भाषा गढ़वाल की राजभाषा रही है,आज भी साठ लाख से अधिक लोग गढ़वाली बोलते हैं,सैकड़ों वर्षो से गढ़वाली, कुमाऊँनी भाषा में साहित्य सृजन हो रहा है व हजारों पुस्तकें इन भाषाओं के साहित्य में प्रकाशित हुई हैं।साहित्य की सभी विधाओं काव्य संग्रह,कहानी संग्रह ,नाटक,एकांकी,उपन्यास,संस्मरण,साक्षात्कार,निबंध,महाकाव्य,भाषा,व्याकरण शब्दकोश के रूप में गढ़वाली,कुमाऊँनी और जौनसारी भाषा के कई ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं।किसी भी समाज की भाषा उसका एक मुख्य अंग होती है,अगर भाषा जीवित होती है,तभी संस्कृति भी जीवित रहती है।उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्ली ने यह बहुत ही खूबसूरत पहल की है। इस दो दिवसीय कार्यशाला में कई साहित्यकारों व भाषाविदों को गढ़वाल,कुमाऊँ व जौनसार क्षेत्र से आमंत्रित किया गया व सम्मानित किया गया एवं कुछ किताबों का लोकार्पण भी किया गया।कार्यक्रम का संचालन दिनेश ध्यानी जी ने किया।कार्यक्रम में गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी साहित्य जगत की हस्तियाँ सर्वश्री लोकेश नवानी,डॉ०नन्दकिशोर ढौंडियाल, रमाकान्त बेंजवाल,श्रीमती बीना बेंजवाल, मदन मोहन डुकलाण,देवेन्द्र जोशी,शान्ति प्रकाश “जिज्ञासु”, राकेश ध्यानी,देवेन्द्र उनियाल,डॉ.हयात सिंह रावत,कीर्ति बल्लभ सकटा,कृपाल सिंह शोला, डॉ.सरस्वती कोहली, हेम पंत,मोहन चंद्र जोशी, त्रिभुवन गिरी महाराज,शंकर दत्त जोशी,ललित केशवान,रमेश घिल्डियाल, दीनदयाल बन्दूणी,पयास पोखड़ा, डॉ॰ सतीश कालेश्वरी,दर्शन सिंह रावत, जयपाल सिंह रावत, चन्दन प्रेमी,जबर सिंह कैंतुरा, भगवती प्रसाद जुयाल, डॉ० पृथ्वी सिंह केदार- खण्डी,बृजमोहन शर्मा वेदवाल,कुंजबिहारी मुण्डेपी, अनिल कुमार पंत, जगमोहन सिंह रावत, प्रदीप सिंह रावत “खुदेड़”, प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल,खजान दत्त शर्मा, राजकुमार चौहान,अनूप सिंह रावत,अनूप सिंह नेगी, साकेत बहुगुणा,श्रीमती रामेश्वरी नादान,डॉ० कुसुम भट्ट, द्वारिका प्रसाद चमोली,वीरेन्द्र जुयाल “उपरि”, गोविन्दराम पोखरियाल ‘साथी’, श्रीमती लक्ष्मी लेखवार नौडियाल,अनुसूया प्रसाद डंगवाल, डॉ० हयात सिंह रावत,सरस्वती कोहली जी, श्रीमती हेमा उनियाल, हेम पंत और कार्यक्रम के संरक्षक विनोद बछेती, संयोजक दिनेश ध्यानी,रमेश हितैषी व अन्य गणमान्य लोग शामिल रहे।

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