नन्दा देवी महोत्सव: पंच आरती का है खास महत्व

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इन दिनों पहाड़ की कुलदेवी नन्दा सुनन्दा की पूजा पूरे उत्तराखंड में चल रही है. इस दौरान सबसे खास आकृष्ण होती है पंच आरती. पंच आरती सूर्यअस्त के बाद होती है, पंच आरती का धार्मिक दृष्टिसे भी विशेष महत्व है. पांच वस्तुओं से मां की पूजा की जाती है. पूजा इतनी भव्य होती है कि मां के दरबार में भक्तों का तांता लग जाता है. घंटीयों की गूंज और मंत्रों के मनोहर दृष्य देखते ही बनता है.

नैनीताल में इन दिनों दिन भर नन्दा देवी महोत्सव में भीड़ उमड़ रही है, वहीं, शाम ढलते ही नैना देवी मंन्दिर प्रांगण में भक्ति का माहौल रहता है. मां नन्दा सुनन्दा के मूर्ती की प्रांण प्रतिष्ठान के बाद हर रोज मन्दिर में पंच आरती सम्पन्न होती है.पंच आरती हर रोज सूर्यअस्त के बाद होती है, इस आरती को पुजारी विशेष विधि-विधान से समपन्न करते हैं. पंच आरती के दौरान जल पंचदीप पुष्प के अलावा अन्य वस्तुओं के मां की स्तुति की जाती है.

दरअसल, शाम में होने वाली इस पूजा को दिन भर में लगी मां की नजरों को उतारा जता है. साथ ही मां की बलाओं को भी दूर किया जाता है. इस आरती को देखने के लिए भक्तों का ऐसा तांता लगता है की पूरा मन्दिर प्रांगण मां के जयकारों के गूंज उठता है.पंच आरती खत्म होते ही भक्तों को ना सिर्फ मां के दर्शन करने का मौका मिलता है. बल्कि आरती के साथ प्रसाद का भी वितरण किया जाता है. इस आरती के लिए लोगों की ऐसी आस्था है की दूर-दराज से भी लोग यहां पहुंच जाते हैं.

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