ताउम्र पृथक राज्य और राज्य निर्माण के सपनों को पूरा करने हेतु संघर्षरत रहे उक्रान्द के पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष बी.डी.रतूड़ी दुनिया से हुये रुखसत..

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ताउम्र पृथक राज्य और राज्य निर्माण के सपनों को पूरा करने हेतु संघर्षरत रहे उक्रान्द के पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष बी.डी.रतूड़ी दुनिया से हुये रुखसत..

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

उत्तराखण्ड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष एवं आजीवन पृथक राज्य के लिए समर्पित संघर्षशील वरिष्ठ अधिवक्ता बी.डी. रतूड़ी का शुक्रवार 27 सितंबर की शाम को निधन हो गया,वह काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।उनका इलाज देहरादून स्थित हिमालय अस्पताल जौलीग्रांट में चल रहा था,शुक्रवार शाम करीब चार बजे उन्होंने अपने आवास में अंतिम सांस ली। बी.डी. रतूड़ी देहरादून में पहली गढ़वाली रामलीला के 14 साल तक अनवरत अध्यक्ष रहे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1979 में उक्रांद की स्थापना के तत्काल बाद उत्तराखण्ड क्रांति दल के देहरादून नगर अध्यक्ष के रूप में की थी, तब उन्होंने यूकेडी के संस्थापक इंद्रमणि बडोनी और डॉ. डी.डी. पंत और विपिन त्रिपाठी के साथ उत्तराखण्ड राज्य के लिए आंदोलन का बिगुल बजाया।यूकेडी का लंबा संघर्ष रंग लाया और वर्ष 1994 से राज्य आंदोलन ने जोर पकड़ लिया। लगातार संघर्ष का परिणाम ये रहा कि उत्तराखण्ड अलग राज्य बन गया। बीसी खंडूड़ी की सरकार उनके उक्रान्द केन्द्रीय अध्यक्षीय कार्यकाल में ही बनी तब वह राज्यमंत्री के रूप में भगीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर भी कार्यरत रहे।

आज शनिवार 28 सितंबर को हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर उनका अन्तिम संस्कार किया गया,जँहा बड़ी संख्या में यूकेडी के वरिष्ठ नेता त्रिवेन्द्र पंवार,डॉ शक्तिशैल कपरवान,ए.पी.जुयाल,शान्ति प्रसाद भट्ट,ललित बिष्ट,लताफत हुसैन,सुरेन्द्र कुकरेती,दल के पदा धिकारी,कार्यकर्ता,राज्य आंदोलनकारी,पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता,कार्यकर्ता और सामाजिक लोग उन्हें अन्तिम विदाई देने के लिये मौजूद रहे।

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