धामी सरकार की बड़ी उपलब्धि, सदन में पारित किए ये दो विधेयक…

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उत्तराखंड में विधानसभा अनुपूरक बजट सत्र के दूसरे दिन दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए है। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 और उत्तराखंड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 किया गया है। इन दो ऐतिहासिक विधेयक पारित होने से जहां देश में मतांतरण को लेकर कठोर कानून की प्रविधान हुआ है। वहीं प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की सौगात मिल गई है।

बताया जा रहा है कि बुधवार को शीत सत्र के दूसरे दिन शाम सात बजे से सदन में विधेयक पारित किए गए। संसदीय कार्य मंत्री सहित विभागीय मंत्रियों ने अपने अपने विभागों के विधेयक पेश किए जिन्हें बिना बहस के पास पारित कर दिया गया। सबसे अंत में महिला आरक्षण विधेयक पास किया गया। उत्तराखंड में स्थानीय महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण जुलाई , 2001 से मिल रहा था । नित्यानंद स्वामी सरकार ने 20 फीसदी क्षैतिज आरक्षण शुरू किया था ।

वहीं उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के पास होने के बाद प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर कठोर कानून की प्रविधान हो गया है। बताया जा रहा है कि राज्य में धनबल व प्रलोभन के आधार पर लोगों को धर्म बदलवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस वजह से ही धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनाया गया है। अब ये अपराध गैरजमानती हो गया है। इसके साथ ही एकल धर्मांतरण में 3 से 7 साल और सामूहिक धर्मांतरण में 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। धर्म परिवर्तन की सूचना मिलने पर कोई भी व्यक्ति मुकदमा दर्ज करा सकता है।

गौरतलब है कि धामी सरकार की यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। कुछ दिन पूर्व राज्य सरकार ने इन दोनों विधेयकों को कैबिनेट से मंजूरी दी थी। बुधवार को विधानसभा में इन विधेयकों के पास होने से प्रदेश में इसे लागू करने की जल्द अधिसूचना जारी हो जाएगी।

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